पोर्ट की एक फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Turkey Foreign Policy: तुर्की ने यूरोप और एशिया में फैलते हुए इजरायल के खिलाफ नया मोर्चा खोल दिया है। अब तुर्की अपने बंदरगाहों पर आने वाले जहाजों से शपथपत्र मांग रहा है, जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि जहाज इजरायल से जुड़े हैं या नहीं, या क्या वह इजरायल भेजे जाने वाले किसी संभावित खतरनाक सैन्य सामान को ले जा रहे हैं।
अरब न्यूज की रिपोर्ट में दो शिपिंग अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि इस निर्णय का कोई आधिकारिक आदेश अभी तक जारी नहीं हुआ है। बल्कि, तुर्की के बंदरगाह प्रमुख ने एजेंटों को मौखिक रूप से निर्देश दिया है कि वे ऐसे लिखित आश्वासन जारी करें। यह निर्देश तुर्की के सभी बंदरगाहों पर लागू होगा।
जानकारी के अनुसार, जहाजों को दिए जाने वाले शपथ पत्र में यह स्पष्ट किया जाना आवश्यक है कि जहाज का मालिक, प्रबंधक या संचालक इजरायल से कोई संबंध नहीं रखते। इसके अलावा, उन्हें जहाज पर मौजूद सामान की पूरी जानकारी भी देनी होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें विस्फोटक, रेडियोधर्मी पदार्थ या कोई सैन्य उपकरण तो नहीं हैं। हालांकि, इस फैसले पर तुर्की के परिवहन मंत्री की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।
पिछले लगभग दो साल से तुर्की, हमास के खिलाफ इजरायल द्वारा चलाए जा रहे सैन्य अभियानों के कड़े विरोध में है और इसी कारण उसने तेल अवीव के साथ अपने सभी व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को भी अस्थायी रूप से रोक दिया था। तुर्की ने इस मुद्दे पर हमेशा मुखर रुख अपनाया है और बार-बार इजरायल की नीतियों की आलोचना की है।
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परिवहन मंत्रालय ने इस मामले पर अभी तक कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुद्दा न केवल देश के व्यापार पर बल्कि कूटनीतिक संबंधों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
पिछले साल, तुर्की ने गाजा में हमास और इज़रायल के बीच जारी संघर्ष के कारण इज़रायल के साथ अपने सालाना लगभग 7 अरब डॉलर के व्यापार को अस्थायी रूप से रोक दिया था। इस कदम से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग में भारी गिरावट आई और क्षेत्रीय व्यापारिक परिस्थितियों में भी अनिश्चितता और अस्थिरता बढ़ गई।