महिला निवेशक (सौ. सोशल मीडिया )
Womens Investors In Share Market: भारतीय शेयर मार्केट में महिला इंवेस्टर्स की संख्या में भारी बढ़त देखने के लिए मिल रही है। देश के सभी राज्यों में महिला निवेशकों की संख्या तेजी से आगे बढ़ रही है। जहां एक ओर यूथ इंवेस्टर्स ने मार्केट की ओर रुख नहीं किया है, तो वहीं महिलाओं ने इस सेक्टर में अपनी मजबूती दिखायी है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई के अनुसार, जून 2025 देश के कई राज्यों में स्टॉक मार्केट में महिलाओं की भागीदारी में भी बढ़त आयी है। टोटल यूनिक इंवेस्टर्स रजिस्ट्रेशन के मामले में टॉप 5 राज्यों में महाराष्ट्र सबसे ऊंचाई पर है, जहां महिलाओं का योगदान 28.4 फीसदी है, जो फाइनेंशियल ईयर 2023 में 25.6 फीसदी थी।
एनएसई की रिपोर्ट में ये कहा जा रहा है कि राज्यों में फीमेल इंवेस्टर्स का कंट्रीब्यूशन लगातार बढ़ रहा है। 30 साल से कम उम्र के निवेशकों का योगदान मार्च 2024 में 40 फीसदी से घटकर 39.5 फीसदी हो गया है। जून 2025 में ये 39 फीसदी हो गया है। इस मामले में गुजरात दूसरे नंबर पर है, जहां महिलाओं निवेशकों का योगदान वित्त वर्ष 2023 में 26.6 फीसदी से बढ़कर जून 2025 में 27.8 फीसदी हो गया है।
देश का दूसरा सबसे बड़ा इंवेस्टर बेस रखने वाला राज्य उत्तर प्रदेश, जेंडर रिप्रेजेंटेशन के मामले में बहुत पीछे है। रिपोर्ट के अनुसार, यहां महिला निवेशकों का योगदान सिर्फ 18.7 फीसदी है, जो नेशनल एवरेज 24.5 फीसदी से काफी कम है, हालांकि ये वित्त वर्ष 2023 के 16.9 फीसदी से काफी प्रगति दिखाता है।
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सब मिलाकर देखा जाए तो भारत के आधे से ज्यादा राज्यों में फीमेल इंवेस्टर्स का योगदान अब नेशनल एवरेज से भी ज्यादा है। हालांकि वित्त वर्ष 2023 में ये केवल 44 फीसदी था। रिपोर्ट में ये भी बताया जा रहा है कि कई स्मॉल मार्केट्स जेंडर इंक्लूजन में टॉप लीडर बनकर उभरे हैं। गोवा इस सूची में टॉप पर है, उसके बाद मिजोरम आता है। चंडीगढ़ में ये सिर्फ 32 फीसदी, दिल्ली में 30.5 फीसदी और सिक्किम में सिर्फ 30.3 फीसदी फीमेल इंवेस्टर्स हैं, जो नेशनल एवरेज से भी कई गुना ज्यादा है। महिलाओं का योगदान बढ़ रहा है, लेकिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार जानकारी मिली है कि युवा निवेशकों का शेयर मार्केट में योगदान घटा है।