चांदी, (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली: चांदी के बाजार में अगले कुछ दिनों तक भार उछाल की उम्मीद है। Kedia Fincorp ने एक प्रोजेक्शन देते हुए बताया है कि चांदी की कीमते जून के अंत तक 1,30,000 प्रति किलो तक जा सकती है। इसके पिछे तीन प्रमुख कारण हैं। चीन का रेयर- अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात पर प्रतिबंध, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) में चांदी का बढ़ता इस्तेमाल, और पिछले 5 साल से लगातार वैश्विक आपूर्ति का घटना। आइए यहां समझते हैं और साथ ही यह भी जानते हैं कि चांदी की बढ़ती कीमतों का जौहरी, कस्टमर और निवेशकों पर क्या असर होगा।
चीन ने हाल ही में रेयर-अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात पर कड़े नियम लगाए हैं। इससे वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स और ईवी सेक्टर में सप्लाई चेन पर काफी असर पड़ा है। जिसकी वजह से वाहन निर्माता अब कॉपर और सिल्वर आधारित मोटर डिजाइन की ओर रूख कर रे हैं। यही वो कारण है कि इंडस्ट्रियल सिल्वर की मांग में तेजी से इजाफा हो रहा है।
रेयर-अर्थ की कमी की वजह से इंडक्शन मोटर्स का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ने लगा है। इनमें सिल्वर-बेस्ड सोल्डर पेस्ट और बसबार्स की जरूरत होती है। हर एक इलेक्ट्रिक व्हिकल में चांदी की खर्च मामूली ही सही, लेकिन वैश्विक उत्पादन के स्केल पर यह एक्स्ट्रा डिमांड करोड़ों आउंस तक पहुंच जाती है।
बता दें कि यह यानी की 2025 लगातार 5वां साल है, जब चांदी की वैश्विक डिमांड उसकी सप्लाई से अधिक है। सिल्वर का तकरीबन 70 प्रतिशत प्रोडक्शन तांबा या लेड-जिंक माइनिंग का बाय प्रोडक्ट होता है। कीमतें बढ़ने के बावजूद खनन तुरंत नहीं बढ़ पाता। इससे फिजिकल मार्केट में टाइटनेस बनी रहती है। AIJGF के नेशनल जनरल सेक्रेटरी और केडिया फिनकॉर्प के फाउंडर नितिन केडिया का मानना है कि, यह केवल एक तेजी का ट्रेंड नहीं, बल्कि एक स्ट्रक्चरल शिफ्ट है। EV रेवोल्यूशन और लंबे समय से चल रहे सप्लाई डेफिसिट ने चांदी की राणनीतिक अहमियत को नए शिखर पर पहुंचा दिया है।
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केडिया फिनकॉर्प ने कहा है कि शॉर्ट टर्म में सिल्वर 1,30,000 रुपये प्रति किलो का स्तर छू सकती है। इस दौरान रुपये 95,000- रुपये 1,05,000 प्रति किलो का सपोर्ट जोन माना जा रहा है। अगर कीमतें रुपये 1,02,000-1,05,000 के बीच स्थिर होती हैं, तो वहां से अगला मूव रुपये 1,30,000 की ओर हो सकता है। मीडियम टर्म में केडिया फिनकॉर्प का अनुमान है कि चांदी 1,25,000- 1,40,000 के दायरे में कारोबार कर सकती है, जहां रुपये 1,00,000 का स्तर एक मजबूत बेस साबित होगा