प्रतीकात्मक तस्वीर
Textile Company Share Price Today: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चली आ रही ट्रेड डील डेडलाइन 1 अगस्त 2025 से पहले पूरी नहीं हो सकी। इसको देखते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार, 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने रूस से कारोबार करने के लिए भारत पर जुर्माना लागने की बात भी कही है। ट्रंप के टैरिफ को लेकर आज घरेलू शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। कारोबार की शुरुआत में सेंसेक्स 500 अंक से अधिक गिरकर खुला। वहीं निफ्टी में भी 200 अंक से अधिक की गिरावट रही।
शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट की वजह से BSE पर देश की टेक्सटाइल कंपनियों के शेयर 9 प्रतिशत तक गिर गए। गोकलदास एक्सपोर्ट्स, फेज थ्री, पर्ल ग्लोबल इंडस्ट्रीज, वेलस्पन लिविंग, केपीआर मिल, अरविंद, वर्धमान टेक्सटाइल्स, इंडो काउंट इंडस्ट्रीज, काइटेक्स गारमेंट्स और संगम इंडिया के शेयरों में कारोबार के दौरान बीएसई पर 3 से 8 प्रतिशत तक गिर गए।
टेक्सटाइल एक्सपोर्ट के मामले में अमेरिका भारत के लिए सबसे प्रमुख बाजार है। जनवरी-मई 2025 के दौरान भारत ने इस सेक्टर में अमेरिका में 4.59 अरब डॉलर का उत्पाद एक्सपोर्ट किया। यह पिछले साल में हुए 4.05 अरब डॉलर के कारोबार तुलना में 13 प्रतिशत की बढ़त को दर्शाता है। अमेरिका में टेक्सटाइल या गारमेंट्स एक्सपोर्ट के मामले में भारत का सीधा मुकाबला बांग्लादेश, चीन और वियतनाम जैसे देशों से है।
अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ बांग्लादेश के 25 प्रतिशत के मुकाबले 10 फीसदी कम है। जबकि, राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रेड डील के तहत वियतनाम पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इसके अलावा, वियतनाम से सामान के ट्रांसशिपमेंट पर 40 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है, जो चीन द्वारा वियतनाम के रास्ते किए जाने वाले व्यापार के कारण है। वहीं, चीन पर फिलहाल 55 परसेंट का टैरिफ लागू है। ट्रेड डील को लेकर चीन की अमेरिका से बातचीत जारी है, जिसकी डेडलाइन 12 अगस्त तक बढ़ाई जाने की उम्मीद है।
ये भी पढ़ें: ट्रंप के सामने नहीं झुका भारत, 25% टैरिफ झेलने के बाद भी कई फायदे; जानें कैसे
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का मानना है कि अमेरिका द्वारा भारत के ऊपर लगाए गए 25 प्रतिशत की टैरिफ से कारोबार में गिरावट आएगी। नए 25 फीसदी टैरिफ से एक्सपोर्टर्स के मुनाफे पर काफी असर पड़ेगा, जिससे गारमेंट कंपनियों की प्रॉफिट में भी कमी आएगी। इससे टेक्सटाइल कंपनियों के शेयरों पर भी असर पड़ सकता है। इस बीच, टेक्सटाइल कंपनियां ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन, मिडिल ईस्ट जैसे देशों में अपनी पहुंच बढ़ाने पर ज्यादा फोकस कर रही हैं।