अनिल अंबानी (सौजन्य : सोशल मीडिया)
मुंबई : रिलायंस ग्रुप के अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर के शेयरों में पिछले 1 महीने में करीब 20 प्रतिशत की शानदार तेजी देखने के लिए मिली है। ये परफॉर्मेंस प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 50 में 1.60 प्रतिशत, सेंसेक्स में 1.52 प्रतिशत और बैंक निफ्टी 6.13 प्रतिशत से काफी ज्यादा बेहतर हैं। कंपनी का शेयर मार्च 2020 में 1 रुपये की ऐतिहासिक निचले स्तर से ऊपर उठकर आज के समय में 40 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहा है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस पावर ने हाल के समय में अपने कर्ज को कम करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। कंपनी का डेट-टू-इक्विटी रेश्यो 1.61 से घटकर 0.86 पर पहुंच गया है। यह सुधार मुख्य रूप से रिलायंस कैपिटल की इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स को बेचने के बाद हुआ है। हालांकि, कंपनी अभी भी 250 करोड़ रुपये के नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर यानी एनसीडी से बंधी हुई है।
सितंबर 2024 की तिमाही में कंपनी ने 2,878 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हासिल किया, जिसमें 3,000 करोड़ रुपये का एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी इनकम भी शामिल था। यह इनकम विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड यानी वीपीआईएल के डीकंसोलिडेशन से हासिल हुई थी। दिसंबर 2024 तिमाही में कंपनी ने 42 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया था।
कंपनी ने ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स में इंवेस्टमेंट की स्कीम बनायी है। इसके अंतर्गत आंध्र प्रदेश में ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स शुरू किए जाएंगे। कंपनी की सब्सिडरी कंपनी ने एशिया के सबसे बड़े सोलर और बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट को हासिल किया है।
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कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हेनसेक्स सिक्योरिटीज के एवीपी रिसर्च महेश एम ओझा का कहना है कि रिलायंस पावर का शेयर 36 रुपये के स्तर पर मजबूत बेस बना चुका है। उनके अनुसार, यदि शेयर 44 रुपये के लेवल को पार करता है तो यह 48 और 52 रुपये के लेवल तक पहुंच सकता है। हालांकि इंवेस्टर्स को 36 रुपये पर स्टॉप लॉस के साथ इस शेयर में पोजीशन बनानी चाहिए।