आईडीबीआई बैंक (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
IDBI BANK: देश की एक बड़ी सरकारी बैंक IDBI अब प्राइवेट बैंक में तब्दील हो जाएगी। इस बैंक का निजीकरण का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। इस बैंक में सरकार और एलआईसी की कुल 94 फीसदी हिस्सेदारी है। SEBI की इस बैंक में कुल 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना है। इस बिक्री से सरकार को 50,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।
IDBI बैंक को बेचने का रास्ता अब साफ हो गया है। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने यह बड़ा फैसला लिया है। सेबी ने एलआईसी को बैंक के प्रमोटर के बजाय पब्लिक शेयरहोल्डर के तौर पर रिक्लासीफाई करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बैंक को पूरी तरह से प्राइवेट करने में अभी थोड़ा समय लगेगा। यह निर्णय IDBI बैंक के बिकने के बाद ही संभव होगा।
सेबी ने इस पूरे मामले में कुछ शर्तें भी रखी हैं। अब बैंक के अंदर एलआईसी का वोटिंग राइट्स सिर्फ 10% तक ही होगा। LIC बैंक के बोर्ड मेंबर लिस्ट में शामिल नहीं हो पाएंगें। साथ ही बैंक के कामकाज में एलआईसी का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा।
आरबीआई ने एलआईसी को यह निर्देश दिया है कि, सेबी के निर्णय के बाद बदले नियम को अमल में लाने के बाद, दो साल के अंदर LIC को अपनी हिस्सेदारी 15% या उससे कम करनी होगी।
सेबी के इस फैसले की जानकारी डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (Dipam) ने एलआईसी को दे दी है। साल 2021 में केंद्र सरकार ने आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दी थी।
हाल ही में एक खबर आई थी कि, एमिरेट्स एनबीडी बैंक आईडीबीआई बैंक को खरीद सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा था, क्योंकि मिडिल ईस्ट के इस बैंक को भारत में अपनी पूरी तरह से स्वामित्व वाली कंपनी खोलने का लाइसेंस RBI ने ही दिया था।
यह भी पढ़ें: एक्सपोर्ट बढ़ाने पर भारत की नजर, ₹25,000 करोड़ की योजनाएं लॉन्च करेगी सरकार
LIC ने आईडीबीआई बैंक में 51% तक हिस्सेदारी खरीद ली थी। इस बात की पुष्टि चेयरमैन आर दुरईस्वामी ने की। उस समय बैंक को पैसों की जरूरत थी। इस अवसर को एलआईसी ने अपने पक्ष में लेते हुए बैंक में पहले से अपनी हिस्सेदारी खरीद रखी है।
अभी फिलहाल एलआईसी के पास बैंक की 49.2% हिस्सेदारी है। सरकार और एलआईसी मिलकर अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचेंगे, लेकिन बिक्री के बाद भी LIC कंपनी के पास अच्छी खासी हिस्सेदारी रहेगी। इस तरीके से एलआईसी बैंक के साथ आगे भी जुड़ी रहेगी।