जेन स्ट्रीट और सेबी (कॉन्सेप्ट फोटो)
SEBI vs Jane Street: ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट अब भारतीय शेयर बाजार में फिर से ट्रेड कर सकती है। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के अहम निर्देश का पालन करते हुए कंपनी ने एक एस्क्रो अकाउंट में 4,843.5 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं। सेबी ने 3 जुलाई, 2025 को एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए जुर्माना के रूप में यह रकम चुकाने को कहा था। अब इसके साथ ही वह विवादित मामला सुलझ गया है जिसने पूरी दुनिया की वित्तीय हलकों का ध्यान अपनी ओर खींचा था।
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, मार्केट रेगुलेटर सेबी के करीबी सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ने शुक्रवार को यह जुर्माने की राशि जमा कर दी है। एक सूत्र के मुताबिक, एस्क्रो अकाउंट में पैसा जमा करने और आदेशों की शर्तें पूरी करने के बाद अब जेन स्ट्रीट एक्सचेंजों पर फिर से कारोबार शुरू कर सकती है।
सेबी द्वारा जारी अंतरिम आदेश के क्लॉज 62.2 के तहत कंपनी आरोपित अवैध लाभ भारत के किसी शेड्यूल कमर्शियल बैंक के एस्क्रो अकाउंट में जमा करने थे। क्लॉज 62.2 में उस एक्सचेंज मार्केट तक पहुंचने, शेयर खरीदने-बेचने या किसी भी तरह के वित्तीय लेनदेन से रोक दिया गया था। इसके साथ ही बैंकों, क्टोडियन और डिपॉजिटरी को जेन स्ट्रीट की प्रॉपर्टी पर रोक लगाने को कहा गया था।
सेबी ने अपने आदेश के क्लॉज 62.11 में स्पष्ट कर दिया था कि जैसे ही कंपनी पैसा जमा करेगी, उसके ट्रेडिंग पर लगी रोक और अन्य पाबंदियों को हटा लिया जाएगा। हालांकि, सेबी ने जेन स्ट्रीट को चेतावनी भी दी है कि कंपनी किसी भी तरह के वित्तीय धोखाधड़ी, हेराफेरी या अनुचित ट्रेडिंग गतिविधियों में शामिल नहीं होगी। आदेश में बताई गई ट्रेडिंग पॉलिसी का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करेगी।
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अब मार्केट रेगुलेटर से पाबंदियां हटने के बाद जेन स्ट्रीट को लेकर सवाल उठ रहा है कि क्या वह तुरंत कारोबार करेगी या सतर्कता बरतेगी। हालांकि, जानकारों का कहना है कि कंपनी मार्केट के रुख और सेबी के संकेतों को समझने के बाद ही भारत में ट्रेड करने की अपनी अगली योजना बना सकती है। सेबी ने एक्सचेंजों को निर्देश दिया कि वे जेन स्ट्रीट के भविष्य के लेनदेन पर नजर रखें ताकि बाजार में हेराफरी न हो।