रिटायरमेंट टिप्स (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : रिटायरमेंट जिंदगी का एक ऐसा पड़ाव है, जहां आप बिना किसी चिंता या तनाव के आरामदायक जीवन बिताना चाहते हैं। हालांकि, ऐसा कर पाना तब ही संभव है, जब आपके पास रिटायर्ड लाइफ के मजे लेने के लिए पैसे उपलब्ध हो। जिसका मतलब है कि आप आर्थिक रुप से इस अवस्था में भी सुरक्षित और स्थिर हो सकते हैं। रिटायरमेंट प्लानिंग एक ऐसी योजना है, जो आपको फाइनेंशियल फ्रीडम तो दे ही सकती है, साथ ही आपके परिवार की जरूरतों को भी पूरा कर सकती हैं।
रिटायरमेंट एक ऐसा अवस्था है, जिसकी प्लानिंग आप जितने जल्दी करें उतना आपके लिए अच्छा होगा। आपकी आज की सेविंग्स आने वाले कल में आपको एक बेहतर जिंदगी दे सकती है। अगर आप आज से इस विषय को गंभीरता से सोचेंगे, भविष्य में आपको उतनी ही ज्यादा बचत और शानदार रिटर्न का फायदा मिल सकता है। दरअसल, कंपाउंडिंग का असर समय के साथ बढ़ते जाता है और इससे आपकी बचत भी बढ़ सकती है।
एक्सपर्ट के द्वारा ये जानकारी दी जाती है कि एक उम्र के बाद आपके अंदर काम करने की इच्छा खत्म हो जाती है। ऐसी स्थिति में आप सुकून की जिंदगी जीना चाहते हैं और ऐसा जीवन जीने के लिए भी आपको पैसों की जरूरत होती हैं। अपनी नौकरी के दौरान आप कुछ सीमित अमाउंट में रिटायरमेंट के लिए सेविंग करते है ताकि रिटायरमेंट के बाद भी आपको अपने शौक पूरे करने के लिए पैसों की कमी ना हो। इसीलिए आज की तारीख में रिटायरमेंट प्लानिंग काफी जरूरी है। इतना ही नहीं रिटायरमेंट प्लानिंग इसलिए भी जरूरी है ताकि आप पर मुद्रास्फीति का कोई असर ना हों।
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अगर आप नौकरी पर है, तो आज से ही रिटायरमेंट प्लानिंग करना शुरू कर दीजिए, क्योंकि इसे जितनी जल्दी शुरू किया जा सकें उतना आपके लिए ही बेहतर हो सकता है। आपको बता दें कि कंपाउंडिग समय के साथ चीजों को प्रभावित कर सकता है, जिससे आपकी बचत भी ज्यादा हो सकती है। इतना ही नहीं आप अभी से इस बात के बारे में सोच कर रखे कि आपको रिटायरमेंट के बाद हर महीने कितने रूपयों की आवश्यकता होने वाली है। इसी के हिसाब से अपनी वर्तमान इनकम, खर्च और इंफ्लेशन को ध्यान में रखते हुए सेविंग्स करना शुरू कर दें।
अपने रिटायरमेंट का लाभ उठाने के लिए निवेश के ऐसे साधनों को चुनें, जो आपके रिस्क लेने की कैपेसिटी और समय को ध्यान में रख कर लिया जा सकता हैं। लंबे समय तक लाभ के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड, सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड और नेशनल पेंशन स्कीम जैसे ऑप्शन्स का चुनाव करें।