माइक्रो रिटायरमेंट (सौ.सोशल मीडिया)
Micro Retirement Career Trend: डिजिटल युग में युवाओं के काम करने का तरीका बदलता जा रहा है। खासकर जनरेशन जेड के अंतर्गत आने वाले युवा नौकरी करने के तरीके में अपनी सहुलियत के अनुसार बदलाव करने लगे है। कामकाजी युवाओं के बीच इन दिनों एक नया करियर ट्रेंड पॉपुलर हो रहा है जिसका नाम माइक्रो रिटायरमेंट (Micro Retirement) है। यह नौकरी के बीच ब्रेक लेने का नया तरीका है जिसे अपनाकर युवा खुद को सुरक्षित और हेल्दी मानते है।
पारंपरिक कामकाज के ढंग से अलग आजकल नए ढंग से काम करने का तरीका बदलने लगा है। माइक्रो रिटायरमेंट, रिटायरमेंट से कितना अलग है औऱ कितना फायदा दिलाता है। इसके बारे में चलिए जानते है…
यहां पर माइक्रो रिटायरमेंट की बात की जाए तो, यह मौजूदा समय में करियर का सबसे ट्रेंडिग कॉन्सेप्ट है। जिसमें कामकाजी युवा अपने करियर से ब्रेक नहीं लेता है बल्कि बीच-बीच में कुछ हफ्तों या महीनों के लिए ब्रेक ले सकता है। कामकाज के बीच खुद को रीचार्ज करने और शौक पूरे करने से साथ मानसिक शांति के लिए माइक्रो रिटायरमेंट का तरीका अपनाते है। यह खासकर जनरेशन जी और मिलेनियल्स के अंतर्गत आने वाले युवाओं के बीच पॉपुलर हो रहा है। इसमें करियर से पूरी तरह ब्रेक लेने की बजाय छोटे-छोटे ब्रेक लिए जा सकते है।
युवाओं के बीच माइक्रो रिटायरमेंट इसलिए पॉपुलर है क्योंकि यह लंबा ब्रेक लेकर फिर से नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ काम पर लौटने के लिए फिट रखता है। माइक्रो रिटायरमेंट का तरीका अपनाने से स्वस्थ और संतुलित जीवन का उपहार मिलता है।
अगर युवा माइक्रो रिटायरमेंट का तरीका अपनाते है तो इसके खास तरीके के फायदे मिलते है, जो इस प्रकार है…
1- इस नए कॉन्सेप्ट को अपनाने से ट्रैवलिंग, स्किल डेवलपमेंट, वेलनेस, मेंटल हेल्थ और फैमिली टाइम सभी चीजों पर सही तरीके से ध्यान दिया जा सकता है।
2- कामकाज के बीच पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस कर पाना आसान होता है।
3-करियर औऱ जीवन के बीच अच्छा तालमेल बनाता है।
4-लंबे समय तक काम करने से दिमाग बोझिल महसूस करता है इस ट्रेंड के अपनाने से मानसिक शांति मिलती है।
5- माइक्रो-रिटायरमेंट में व्यक्ति अपने शौक या पैशन पर ध्यान दे सकता है।
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रिटायरमेंट का छोटा रूप माइक्रो रिटायरमेंट युवाओं के बीच फल-फूल रहा है। रिटायरमेंट वह कॉन्सेप्ट है जिसमें व्यक्ति नौकरी ज्वाइन करता है और 60 साल की अवधि पूरी करने के बाद कामकाज खत्म होता है। इसके विपरित माइक्रो रिटायरमेंट बिल्कुल अलग है जिसमें करियर या नौकरी को छोड़ना नहीं बल्कि छोटे ब्रेक लेने से होता है। पारंपरिक रिटायरमेंट आमतौर पर 60 साल की उम्र के बाद होती है, लेकिन माइक्रो रिटायरमेंट का उम्र से कोई लेना देना नहीं है। आप किसी भी समय माइक्रो रिटायरमेंट के लिए कंपनी को आवेदन कर सकते है।
यहां पर आंकड़ों की बात करें तो, Barnett Waddingham के सर्वे अनुसार, 25‑34 आयु वर्ग में लगभग 22% ने माइक्रो रिटायरमेंट लिया है। Side Hustles के एक अन्य सर्वेक्षण के अनुसार, 10% कर्मचारी माइक्रो-रिटायरमेंट लेने पर विचार कर रहे हैं और 75% का मानना है कि कंपनियों को बिना वेतन छुट्टी जैसी माइक्रो-रिटायरमेंट नीतियां देनी चाहिए।