
(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए साल 2024 बेहद खास साबित हुआ। खासकर रेसिडेंशियल मार्केट में इंवेस्टर्स ने जमकर पैसा लगाया है। रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ी एजेंसी कोलियर्स इंडिया ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की बढ़ती डिमांड और सरकार की मददगार नीतियों ने निवेशकों के भरोसे को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। साल 2024 में रियल एस्टेट सेक्टर में प्राइवेट इक्विटी यानी पीई निवेश 4.15 अरब अमेरिकी डॉलर आया है, वो हर साल के मुकाबले 32 प्रतिशत ज्यादा था।
इस सेक्टर में कुल संस्थागत निवेश 8.9 बिलियन डॉलर का आया है, जो साल 2007 के 8.4 बिलियन डॉलर के निवेश के रिकॉर्ड को तोड़ चुका है। पिछले साल रेसिडेंशियल सेक्टर में सबसे ज्यादा इंवेस्टमेंट हुआ है। इस सेक्टर में 45 प्रतिशत से भी ज्यादा इंवेस्टमेंट आया है। साथ ही घरेलू निवेशकों ने भी दिलचस्पी दिखायी है। इस सेक्टर में घरेलू निवेशकों का योगदान 37 प्रतिशत रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि साल 2025 में रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश के सारे रिकॉर्ड टूट सकते हैं और ये सेक्टर एक नई ऊंचाई हासिल कर सकता है।
साल 2024 में इंडियन रेसिडेंशियल मार्केट में संस्थागत निवेश 46 प्रतिशत बढ़कर 1.15 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। ये आंकड़ा साल 2023 के 78.89 करोड़ डॉलर के मुकाबले बहुत ज्यादा है। जिसका सीधा मतलब है कि निवेशक अब भारतीय रियल सेक्टर को एक मजबूत और सिक्योर मार्केट के तौर पर देख रहे हैं। निवेशक इस सेक्टर में इंवेस्टमेंट करने के अपनी रुचि दिखा रहे हैं।
गोल्डन ग्रोथ फंड के सीईओ अंकुर जालान ने ये जानकारी देते हुए बताया है कि सरकार की लाभकारी नीतियों ने इस सफलता में अहम भूमिका निभायी है। पिछले कुछ सालों में रियल एस्टेट की डिमांड हर लेवल पर बढ़ी है, जिससे घरेलू और विदेशी दोनों तरह के इंवेस्टमेंट आकर्षित हुए हैं।
भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में कुल संस्थागत निवेश साल 2024 में 6.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो साल 2023 में 5.4 अरब डॉलर से 22 प्रतिशत ज्यादा है। ये साल 2020 के बाद का अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
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