आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (सौजन्य: सोशल मीडिया)
RBI MPC: देश का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई की सोमवार से एक अहम बैठक शुरू होने जा रही है। इस मीटिंग में आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी यानी एमपीसी चर्चा होने जा रही है।
बताया जा रहा है कि 6 अगस्त, बुधवार को आरबीआई अपनी नई द्विमासिक मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान कर सकती है। एक्सपर्ट्स और मार्केट इंडिकेटर्स के अनुसार, इस बार आरबीआई रेपो रेट में एक बार फिर से कटौती करने की घोषणा कर सकती है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी रेपो रेट में 0.25 बेसिक प्वाइंट की कटौती की जा सकती है। आपको बता दें कि इस कटौती के पीछे ये 2 मुख्य कारण है।
1. महंगाई को काबू करना : पिछले कई महीनों से रिटेल इंफ्लेशन रेट आरबीआई के द्वारा तय दर 4 फीसदी से नीचे बनी हुई है। फूड इंफ्लेशन की दर में गिरावट आने से महंगाई और भी कम हो गई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि महंगाई दर आरबीआई के मौजूदा अनुमान यानी 3.7 फीसदी से भी नीचे बनी हुई है।
2. इकोनॉमिक चैलेंजेस से निपटना : ग्लोबल इकोनॉमिक अनिश्चितताओं खासतौर पर अमेरिका के टैरिफ और देश के अंदर डेब्ट ग्रोथ की रफ्तार सुस्त पड़ने की चिंताओं के कारण, इकोनॉमिक एक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट में कटौती अहम भूमिका निभा सकती है।
इस कटौती का सबसे ज्यादा फायदा फेस्टिवल सीजन से ठीक पहले आम लोगों को मिल सकता है। रेपो रेट में कटौती का सीधा मतलब है कार लोन, होम लोन और बाकी लोन पर ईएमआई में कमी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि फेस्टिवल सीजन के दौरान लोन की डिमांड पहले के मुकाबले में बढ़ जाती है और अगर उससे पहले रेपो रेट में कटौती होती है, तो इस डिमांड में और भी तेजी आ सकती है।
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आपको बता दें कि इस साल आरबीआई पहले ही रेपो रेट में 3 बार कटौती कर चुका है। जिसके चलते रेपो रेट की ये दर 6.5 प्रतिशत से घटकर 5.5 प्रतिशत पर आ गई है। अगर इस बार भी आरबीआई एमपीसी में एक बार फिर से कटौती होती है, तो ये इस साल की चौथी कटौती होगी।