गैस पाइपलाइन (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : तेल और गैस रेग्यूलेटर पीएनजीआरबी ने नियमों में जरूरी बदलाव करते हुए कंज्यूमर्स तक पहुंचाने वाली पाइपलाइन के लिए फीस निर्धारण की नई पॉलिसी का प्रपोजल किया है। पीएनजीआरबी ने मकानों में सीएनजी और पाइप के माध्यम से पहुंचाई जाने वाली रसोई गैस बेचने वाली शहरी गैस यूनिट्स से न्यूनतम दर पर शुल्क वसूलने का प्रस्ताव भी रखा है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड यानी पीएनजीआरबी ने पोर्ट्स से इंपोर्टेड गैस और नेचुरल गैस को इसके प्रोडक्शन वाले क्षेत्रों से ले जाने वाली पाइपलाइन पर लगाए गए रिजनल टैरिफ में बदलाव के लिए पब्लिक कंसल्टेशन डॉक्यूमेंट्स जारी किया है।
ये टैरिफ उन पाइपलाइन पर लगाया जाता है जो पोर्ट्स से इंपोर्टेड गैस और नेचुरल गैस को इसके उत्पादन वाले क्षेत्रों से बिजली प्लांट या उर्वरक यूनिट्स जैसे उपयोगकर्ताओं या यूरिया बनाने वाली उवर्रक इकाइयों या शहरी गैस इकाइयों तक पहुंचाती हैं। नियामक ने कहा है कि इंवेस्टमेंट लाने और देश में विशेष रूप से सीएनजी और घरेलू ‘पाइप्ड’ प्राकृतिक गैस यानी खाना पकाने के लिए घरों में रसोई में इस्तेमाल होने वाली में गैस की कंज्पशन बढ़ाने के लिए एक और दूरगामी सुधार के अंतर्गत पीएनजीआरबी घरेलू उपभोक्ताओं और परिवहन में इस्तेमाल होने वाली पाइप्ड प्राकृतिक गैस की कीमत कम करने का प्रस्ताव लाया है।
एकीकृत शुल्क क्षेत्रों को 3 से घटाकर 2 करना, सभी सीएनजी तथा पीएनजी-घरेलू ग्राहकों के लिए एक एकीकृत शुल्क लगाना आदि जैसे शुल्क विनियमन के विभिन्न पहलुओं पर हितधारकों की टिप्पणियां प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक परामर्श दस्तावेज यानी पीसीडी जारी किया गया है।
रेग्यूलेटर ने कहा है कि इन संशोधनों से दूर-दराज के क्षेत्रों में सीएनजी तथा पीएनजी-घरेलू ‘कनेक्शन’ बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। साथ ही शहरी गैस सेक्टर, ट्रांसमिशन ऑपरेटर, दूर-दराज के क्षेत्रों के उपभोक्ताओं जैसे प्रमुख हितधारकों को लाभ होगा तथा गैस इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
पीएनजीआरबी ने पाइपलाइन बिछाने, पाइप से प्राकृतिक गैस डिस्ट्रीब्यूशन करने और सीएनजी स्टेशन स्थापित करने के लिए संस्थाओं को अधिकृत किया है। पीएनजीआरबी ने देश में गैस पाइपलाइन के विस्तार के उद्देश्य से द्वीपों को छोड़कर समूचे भारत को अधिकृत किया है।
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न्यूनतम कार्य कार्यक्रम यानी जिसके लिए इन संस्थाओं को अधिकृत किया गया है के अनुसार, देश में 2030 तक 12 करोड़ पीएनजी यानी घरेलू ‘कनेक्शन’ और 17,500 सीएनजी स्टेशन होंगे। दिसंबर 2024 तक भारत में 7,395 सीएनजी स्टेशन और 1.4 करोड़ पीएनजी घरेलू ‘कनेक्शन’ थे। गैस की खपत में भविष्य की वृद्धि मुख्य रूप से शहरी गैस वितरण यानी सीजीडी क्षेत्र में होने की उम्मीद है, जिसकी 2030 और 2040 तक चक्रवृद्धि सालाना ग्रोथ रेट यानी सीएजीआर 10 प्रतिशत होगी।