(प्रतीकात्मक तस्वीर)
PM Kisan 21st Installment: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) के तहत हर साल देश के करोड़ों किसानों को ₹6,000 की आर्थिक सहायता सीधे बैंक खाते में दी जाती है। यह रकम तीन किश्तों में दी जाती है, जिसमें हर चार महीने में दो हजार रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं। अब तक सरकार 20 किस्तें जारी कर चुकी है और अक्टूबर में 21वीं किस्त जारी होने की संभावना है। लेकिन इस बार कई किसानों की किस्त अटक सकती है।
केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कुछ किसानों को 21वीं किस्त का लाभ फिलहाल नहीं मिलेगा। इसके पीछे की वजह फर्जीवाड़े की आशंका और अधूरी प्रक्रिया है। जिन किसानों की किस्त रोकी गई है, उन्हें योजना का लाभ दोबारा शुरू करवाने के लिए जरूरी दस्तावेजों की फिजिकल जांच करवानी होगी।
पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर हाल ही में जारी नोट के मुताबिक, कुछ मामलों में एक ही परिवार के कई सदस्यों को योजना का लाभ मिल रहा है, जो नियमों के खिलाफ है। इसके साथ ही ऐसे भी कई केस सामने आए हैं, जहां किसानों ने 1 फरवरी 2019 के बाद जमीन खरीदी है लेकिन पात्रता के दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई गई है। इन सब मामलों में सरकार ने संबंधित किसानों की अगली किस्त अस्थायी रूप से रोक दी है। अब ये किसान तब तक योजना की राशि नहीं पा सकेंगे जब तक वे अपनी फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं करवा लेते।
अब किसानों के मन में सवाल होगा कि फिजिकल वेरिफिकेशन क्या है। इसका मतलब यह है कि आपके जमीन से जुड़े डॉक्यूमेंट और पारिवारिक जानकारी की मौके पर जांच की जाएगी। इसके तहत संबंधित सरकारी अधिकारी आपके पास आएंगे और सरकार द्वारा तय किए गए मानदंड़ों के हिसाब से सभी जांच पूरी की जाएगी। जिसमें अधिकारी इन सभी बातों को ध्यान से देखेंगे।
केंद्र सरकार ने इस बार e-KYC को अनिवार्य कर दिया है। यानी जिन किसानों ने अब तक अपनी e-KYC पूरी नहीं की है, उनकी 21वीं किस्त अटक सकती है। इसलिए किसानों से अपील की गई है कि वे जल्द से जल्द अपनी e-KYC पूरा कर लें। इसके अलावा, यह भी जरूरी है कि आपका आधार कार्ड आपके बैंक खाते से जुड़ा हो, क्योंकि किस्त का भुगतान आधार आधारित DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए होता है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 21वीं किस्त अक्टूबर में दिवाली से पहले किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा सकती है। इस बार भी करीब 10 करोड़ किसानों को 2,000 रुपये की राशि मिलने की उम्मीद है। लेकिन जो किसान दस्तावेज गड़बड़ी या अधूरी KYC के कारण जांच के घेरे में हैं, उन्हें समय रहते जरूरी सुधार करने होंगे नहीं तो उन्हें इस लाभ से वंचित रहना पड़ सकता है।