Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Tariff War |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Parliament Session |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

GST के दायरे में आएगा पेट्रोल-डीजल? मिल गया जवाब, इसलिए बचती आई है मोदी सरकार

Petrol-Diesel Under GST: जीएसटी का उच्चतम स्लैब 28% है यानी जो भी वस्तुएं जीएसटी के दायरे में आती हैं, उनपर सबसे ज्यादा टैक्स 28 फीसदी है। हालांकि, सरकार इसमें भी कटौती कर 18% करने का प्रस्ताव रखा है

  • By मनोज आर्या
Updated On: Aug 18, 2025 | 03:38 PM

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Follow Us
Close
Follow Us:

Petrol-Diesel Under GST: भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने जीएसटी में बदलाव की वकालत की। प्रधानमंत्री के भाषण के तुरंत बाद वित्त मंत्रालय ने भी मौजूदा जीएसटी स्लैब में बदलाव करने के प्रस्ताव को सामने रखा। वित्त मंत्रालय जीएसटी के चार स्लैब 5,12, 18 और 28 को दो स्लैब में लाने की रणनीति बना चुका है। अगर यह बदलाव होता है तो आम जनता के साथ-साथ छोटे कारोबारियों को भी बड़ी राहत की उम्मीद है।

जीएसटी स्लैब में बदलाव की चर्चाओं के बीच लोग यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी की दायरे में लाएगी। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि आखिर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंडर में न लाने के पीछे सरकार की क्या मंशा है। आइए जानते हैं।

पेट्रोल-डीजल टैक्स सरकार की कमाई का मुख्य सोर्स

दरअसल, फ्यूल पर टैक्स लगाना केंद्र और राज्य सरकारों के लिए रेवेन्यू का एक अहम सोर्स है, यहीं कारण है जिसके चलते सरकार इसे जीएसटी के दायरे में नहीं लाना चाहती है। अगर यह जीएसटी के दायरे में आता है तो सरकारों की कमाई में गिरावट आ जाएगी। क्योंकि अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के सबसे हाई स्लैब में भी रखते हैं, तब भी इनपर लगने वाला टैक्स, मौजूदा टैक्स से कम रहेगा।

जीएसटी का उच्चतम स्लैब

जीएसटी का उच्चतम स्लैब 28 फीसदी है यानी जो भी वस्तुएं जीएसटी के दायरे में आती हैं, उनपर लगने वाला सबसे ज्यादा टैक्स 28 प्रतिशत है। हालांकि, सरकार ने इसमें भी कटौती कर 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है। अगर मान लेते हैं कि सरकार पेट्रोल-डीजल पर मौजूदी उच्चतम 28 फीसदी जीएसटी स्लैब में रखती है, तब भी उसका रेवेन्यू अभी के तुलना में काफी ज्यादा घट जाएगा।

ग्राहकों के लिए पेट्रोल-डीजल क्यों महंगा?

इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर 18 अगस्त, 2025 की पेट्रोल और डीजल की कीमतों का ब्रेकअप दिया गया है, जिसके अनुसार यहां पेट्रोल की बेस कीमत- 52.83 रुपये, एक्साइज ड्यूटी-21.90 रुपये, डीलर कमीशन (एवरेज)- 4.40 रुपये और VAT- 15.40 रुपये है। इस तरह से यह ग्राहकों के लिए कुल 94.77 रुपये का हो जाता है।

जीएसटी के दायरे में आने से किसको नुकसान?

ऐसे में जो पेट्रोल डीलर को 52.83 रुपये का पड़ रहा है, वह पेट्रोल ग्राहकों के लिए 94.77 रुपये का हो जाता है। इसमें 27.90 रुपये एक्साइज ड्यूटी और 16.54 रुपये का वैट, सरकारों को जाता है। इस तरह से सरकारों को कुल 44.44 रुपये प्रति लीटर की कमाई होती है। वहीं, अगर इसे जीएसटी में लाया जाता है तो डीलर को पड़ने वाली पेट्रोल की कॉस्ट, जो 53.54 रुपये है, उसपर ज्यादा से ज्यादा 28 फीसदी जीएसटी लगेगी, जिससे सरकारों को कुल 14.9912 रुपये प्रति लीटर का ही राजस्व मिलेगा। यह मौजूदा राजस्व (प्रति लीटर) का करीब एक तिहाई है।

ये भी पढ़ें: पल भर में नहीं लिया ये फैसला, GST में 2 स्लैब हटाने से किसको होगा कितना फायदा

ऐसे होती है सरकार की कमाई

ऐसे में जो पेट्रोल डीलर को 52.83 रुपये का पड़ रहा है, वह पेट्रोल ग्राहकों के लिए 94.77 रुपये का हो जाता है। इसमें 21.90 रुपये एक्साइज ड्यूटी और 15.40 रुपये का वैट, सरकारों को जाता है। इस तरह से सरकारों को कुल 37.3 रुपये प्रति लीटर की कमाई होती है। वहीं, अगर इसे जीएसटी में लाया जाता है तो डीलर को पड़ने वाली पेट्रोल की कॉस्ट, जो 52.83 रुपये है, उसपर ज्यादा से ज्यादा 28 फीसदी जीएसटी लगेगी, जिससे सरकारों को कुल 14.79 रुपये प्रति लीटर की ही कमाई होगी। यह मौजूदा राजस्व (प्रति लीटर) का करीब एक तिहाई है।

Petrol diesel comes under gst why is government avoiding doing it

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Aug 18, 2025 | 03:38 PM

Topics:  

  • Business News
  • GST
  • Petrol and diesel prices

सम्बंधित ख़बरें

1

Indian Share Market के शानदार प्रदर्शन के बाद गिरे सोने और चांदी के दाम, जानें आज का रेट

2

Make In India की मची धूम, इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट को मिलेगा बूम

3

Trump की धमकी के बाद भी नहीं डरी Apple, भारत में बढ़ाया कारोबार

4

इन वजहों से सोमवार को शेयर मार्केट में आयी बहार, निवेशकों की लग गयी लॉटरी

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.