शहबाज शरीफ, फोटो - सोशल मीडिया
नवभारत डिजिटल डेस्क : 7 मई को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त एयर स्ट्राइक की। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की तरफ से अचानक नरमी देखने को मिली।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इंटरव्यू में कहा कि यदि भारत सीमा पर अपने ऑपरेशन को रोक देता है, तो पाकिस्तान भी कोई आगे की कार्रवाई नहीं करेगा। यह बयान भारत की ताकत और गंभीरता को दर्शाता है। ऐसे में आइए जानते हैं वे 5 बड़ी वजहें जिनके कारण अब पाकिस्तान भारत से टकराने से पहले दस बार सोचेगा।
भारत सिर्फ बातों में नहीं, बल्कि कार्रवाई में विश्वास रखता है। देश की सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भारत पूरी तरह सजग है। स्वीडन स्थित स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत रक्षा खर्च के मामले में दुनिया में पांचवें स्थान पर है।
साल 2024 में भारत ने 1.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ रक्षा क्षेत्र पर 86.1 बिलियन डॉलर (करीब 7.32 लाख करोड़ रुपये) खर्च किए। वहीं, पाकिस्तान का रक्षा बजट केवल 10.2 बिलियन डॉलर (करीब 2.85 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये) रहा। इससे भारत की सैन्य शक्ति और प्राथमिकता का स्पष्ट अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
जहां भारत 2024 में 4.3 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है, वहीं पाकिस्तान की जीडीपी मात्र 374 बिलियन डॉलर है। IMF के अनुसार, भारत 2025 के अंत तक जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान भारत से बहुत पीछे है और यह अंतर लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
भारत के साथ तनाव के बीच पाकिस्तान ने IMF से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। 9 मई को IMF की एक बैठक में पाकिस्तान को 1.3 बिलियन डॉलर के ‘क्लाइमेट रेजिलियंस लोन’ की समीक्षा होनी है। इसके अलावा 7 बिलियन ड़लर के बेलआउट पैकेज की दूसरी किस्त भी अटकी हुई है। पाकिस्तान ने चीन से भी करीब 1.4 बिलियन डॉलर की सहायता मांगी है, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया है। इससे पाकिस्तान की बढ़ती असहायता जाहिर होती है।
पाहलगाम आतंकी हमले और फिर भारतीय सेना की ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का स्टॉक मार्केट बुरी तरह लुढ़क गया। KSE-100 इंडेक्स 6,500 अंकों की गिरावट के साथ 1,07,007 के स्तर पर पहुंच गया। इसके उलट भारतीय शेयर बाजार में स्थिरता बनी रही, जहां सेंसेक्स 80,000 से ऊपर और निफ्टी 24,300 के पास खुला।
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IMF द्वारा दिए जाने वाले कुल 7 बिलियन डॉलर के पैकेज में से पाकिस्तान को अभी 6 बिलियन डॉलर और मिलने हैं। लेकिन अगर FATF (Financial Action Task Force) ने पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण निगरानी सूची में डाल दिया, तो IMF की सहायता रुक सकती है। पाकिस्तान पहले से ही भारी कर्ज में डूबा हुआ है और इस परिस्थिति में उसे अपनी भविष्य की आर्थिक स्थिति को लेकर गंभीर चिंता सता रही है।