फ्रॉड कॉल्स (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : आज की तारीख में फ्रॉड और स्पैम वाले कॉल एक बहुत बड़ी समस्ता बन गई है। मोबाइल फोन यूजर्स अक्सर लगातार स्पैम कॉल आने से परेशान हो जाते हैं। इन कॉल्स के जरिए घोटाले और फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं। कई यूजर्स अपने बैंकों से वास्ताविक कम्यूनिकेशन के लिए कॉल को गलत समझकर ऐसे घोटालों का शिकार हो जाते हैं। इस बढ़ती चिंता को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
आरबीआई ने फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स के लिए अपने कस्टमर्स को ट्रांसेक्शन और मार्केटिंग कॉल को करते समय यूज करने के लिए 2 डेडीकेटेड फोन नंबर सीरीज शुरू की हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य मोबाइल यूजर्स को धोखाधड़ी वाले कॉल और वैलिड कम्यूनिकेशन में विश्वास में सुधार करना है।
आरबीआई के हाल ही में जारी किए गए नोटिस के अनुसार, बैंकों को अब सभी ट्रांसेक्शन रिलेटेड कॉल के लिए 1600 से शुरू होने वाले फोन नंबरों को यूज करना जरूरी होगा। इसी तरह, मार्केटिंग कॉल्स और एसएमएस के लिए, आरबीआई ने 2 अलग-अलग नंबर रेंज वितरित किए हैं। 1600 सीरीज से शुरू होने वाले नंबरों का उपयोग बैंकिंग सर्विसेज से मार्केटिंग रिलेटेड कम्यूनिकेशन के लिए किया जाएगा। हालांकि 140 की सीरीज से शुरू होने वाले नंबरों का उपयोग पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड या इंश्योरेंस जैसी सर्विसेज को पेश करने वाले प्रमोशनल कॉल और एसएमएस इंफॉर्मेशन के लिए किया जाने वाला है।
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आरबीआई की ये पहल फोन यूजर्स को बैंकों का प्रतिनिधित्व करने का दिखावा करने वाले स्कैमर्स द्वारा किए गए फ्रॉड वाले दावों से असली बैंक ऑफर को अलग करने में मदद मिल सकती है। ऑनलाइन और फोन फ्रॉड की घटनाओं में बढ़त को देखते हुए, जहां स्कैमर्स अक्सर बड़ी राशि चुराने के लिए बैंक रिप्रजेंटिव बनकर लोगों को चीट करते हैं। आरबीआई के इस कदम से जरूरी राहत मिलने और फाइनेंशियल कम्यूनिकेशन की सिक्योरिटी बढ़ने की उम्मीद है।