RBI ने लोन की रिकवरी को लेकर नए नियम बनाये (सोर्स-सोशल मीडिया)
Bank Recovery Agent Harassment: लोन की किस्त समय पर न चुका पाने की स्थिति में अक्सर बैंक या NBFC के रिकवरी एजेंट ग्राहकों को परेशान करने लगते हैं। कई बार ये एजेंट बदतमीजी और डराने-धमकने का सहारा लेते हैं जिसे रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कड़े नियम बनाए हैं।
अधिकांश लोग अपने कानूनी अधिकारों से अनजान होते हैं जिसके कारण वे इन एजेंटों के अनुचित व्यवहार का सामना करने से डरते हैं। यह समझना जरूरी है कि कर्जदार होने के बावजूद आपकी गरिमा और निजता का अधिकार सुरक्षित है।
RBI की गाइडलाइंस के मुताबिक किसी भी रिकवरी एजेंट के पास कानूनी रूप से आपके घर में जबरन घुसने का कोई अधिकार नहीं होता है। एजेंट के पास बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा जारी किया गया वैध आईडी कार्ड और अथॉराइजेशन लेटर होना अनिवार्य है।
अगर कोई एजेंट आपके घर आता है तो आप सबसे पहले उससे उसकी पहचान मांग सकते हैं और पहचान न होने की स्थिति में आप उससे बात करने से इनकार कर सकते हैं। यह ध्यान रखें कि वे पुलिस नहीं हैं और उनके पास कानून हाथ में लेने का कोई अधिकार नहीं है।
बैंक का कोई भी प्रतिनिधि आपको लोन वसूली के लिए मनमर्जी के समय पर फोन नहीं कर सकता है। RBI के नियमों के अनुसार रिकवरी एजेंट केवल सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही आपसे संपर्क कर सकते हैं।
अगर कोई आपको देर रात या बहुत सुबह फोन कर परेशान करता है तो यह नियमों का सीधा उल्लंघन है। इसके साथ ही एजेंट को ग्राहक के साथ हमेशा मर्यादित और सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। वह किसी भी स्थिति में आपके दोस्तों या रिश्तेदारों के सामने आपकी बेइज्जती नहीं कर सकता है।
रिकवरी एजेंट आपके परिवार के सदस्यों के साथ आपके लोन की जानकारी साझा नहीं कर सकता जब तक कि आपने इसके लिए लिखित सहमति न दी हो। धमकी देना या मानसिक रूप से प्रताड़ित करना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है।
अगर आप नहीं चाहते कि कोई प्रतिनिधि आपके घर आए तो आप बैंक को लिखित में सूचित कर सकते हैं। बैंक को आपको बकाया राशि और उसे चुकाने के विकल्पों के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी होगी और जरूरत पड़ने पर बैंक पुनर्भुगतान की शर्तों में ढील भी दे सकता है।
यह भी पढ़ें: जयपुर में मस्जिद के बाहर पत्थर हटाने पर बवाल…पुलिस पर भीड़ ने किया हमला, इलाका छावनी में तब्दील
अगर कोई एजेंट नियमों का उल्लंघन करता है तो आप उसकी बातचीत को रिकॉर्ड कर सकते हैं और समय व तारीख नोट कर सकते हैं। सबसे पहले इसकी लिखित शिकायत संबंधित बैंक के नोडल अधिकारी से करें।
अगर बैंक 30 दिनों के भीतर आपकी समस्या का समाधान नहीं करता है तो आप RBI के ओम्बड्समैन (लोकपाल) पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। RBI ऐसे मामलों में बैंकों पर भारी जुर्माना भी लगा सकता है जिससे ग्राहकों को त्वरित राहत मिलती है।