India Forex Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर से मजबूती देखने को मिली है। ग्लोबल लेवल पर डॉलर की कमजोरी और सोने की कीमतों में तेजी के बीच भारत का फॉरेक्स रिजर्व रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंच गया है। भारत ने विदेशी मुद्रा भंडार में ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जो अमेरिका, रूस और फ्रांस समेत कई देशों के पास भी नहीं है। ये लगातार तीसरा हफ्ता है जब भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त देखने को मिली है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के देश के विदेशी मुद्रा भंडार के डेटा से पता चलता है कि सेंट्रल बैंक के खजाने में शुक्रवार, 19 दिसंबर 2025 को खत्म हुए हफ़्ते तक 4.37 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई, जिससे यह लगभग रिकॉर्ड ऊंचाई 693.32 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
एक आधिकारिक बुलेटिन में इस बात की जानकारी दी गई है। इस बढ़त में आधे से ज्यादा हिस्सा सोने का रहा। खास बात ये है कि रुपये में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार और फॉरेन करेंसी एसेट दोनों ही घटा है। वहीं गोल्ड रिजर्व डॉलर और रुपये दोनों में बढ़ा है। इससे पहले 12 दिसंबर 2025 को खत्म हुए पिछले हफ़्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 688.95 अरब डॉलर था।
ANI की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2024 में भारत का फॉरेक्स रिज़र्व 704.89 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। पिछले कुछ हफ़्तों से, RBI का फॉरेक्स भंडार लगातार बढ़ रहा था और रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब पहुंच रहा था। बता दें कि फॉरेक्स रिज़र्व में विदेशी करेंसी एसेट्स, सोना, SDRs और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) में देश की रिज़र्व पोज़िशन शामिल होती है, जिसे देश का सेंट्रल बैंक मैनेज करता है। जारी किए गए डेटा के मुताबिक, 19 दिसंबर 2025 को खत्म हुए हफ़्ते में RBI की विदेशी मुद्रा संपत्ति 1.65 अरब डॉलर बढ़कर 559.43 अरब डॉलर हो गई, जबकि पिछले हफ्ते यह 557.78 अरब डॉलर थी।
इस हफ्ते सोने के भंडार में भी अच्छी-खासी बढ़त दर्ज की गई। RBI के मुताबिक, गोल्ड रिजर्व का मूल्य 2.623 अरब डॉलर बढ़कर 110.365 अरब डॉलर हो गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में तेजी का सीधा फायदा भारत के रिजर्व को मिला है। स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) में भी हल्की बढ़त देखने को मिली। यह 8 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.744 अरब डॉलर हो गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ भारत की रिजर्व पोजिशन 95 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.782 अरब डॉलर हो गई।
ये भी पढ़ें: खुद के बिछाए जाल में फंसा अमेरिका! ट्रंप का टैरिफ दांव हुआ फेल, दिवालियापन की कगार पर कंपनियां
RBI अपने विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर, यूरो, सोने और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड्स यानी IMF में SDRs के रूप में रखता है। इन्हीं को निवेश करके कमाई की जाती है। RBI के मुद्रा भंडार का बड़ा हिस्सा विदेशी सरकारी बॉन्ड्स या डॉलर में निवेश किया जाता है।