लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर हवाई अड्डे पर एक नए टर्मिनल भवन के लिए भारतीय वायु सेना, भारतीय एयरपोर्ट अथॉरिटी (एएआई) और गोरखपुर जिला प्रशासन के बीच मंगलवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। हवाई अड्डे के निदेशक आर. के. पाराशर ने बुधवार को बताया कि इस समझौते से नए टर्मिनल के लिए वायु सेना से 42 एकड़ भूमि के हस्तांतरण का रास्ता साफ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि नया टर्मिनल बनने से हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे एक साथ 10 विमानों के लिए पार्किंग की जगह और लगभग 1,400 कारें खड़ी करने की सुविधा मिलेगी।
आ. के. पाराशर ने बताया कि इस टर्मिनल का काम पूरा हो जाने पर हवाई अड्डे से प्रतिदिन लगभग 200 उड़ानें रवाना हो सकेंगी, जो वर्तमान में सिर्फ 26 हैं। इसके अलावा यात्री प्रबंधन क्षमता 270 से बढ़कर 2500 प्रति घंटा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे से सटी यह भूमि इस वक्त सैन्य इंजीनियरिंग सेवाओं के अधीन है। नए निर्माण के लिए भूमि पर मौजूद बुनियादी ढांचे को स्थानांतरित किया जाएगा। नया टर्मिनल बनने से 10 विमानों के लिए जगह बनेगी। साथ ही हवाई अड्डे पर परिचालन आसान हो जाएगा।
इस समझौते के अनुसार, भारतीय वायु सेना आधुनिक टर्मिनल के निर्माण और रनवे के विस्तार के लिए 44 एकड़ जमीन देगी। बदले में राज्य सरकार भारतीय वायुसेना को किसी अन्य स्थान पर इतनी ही जमीन देकर मुआवजा देगी। एयरपोर्ट के निदेशक आर.के. प्रशर ने कहा कि इस भूमि विनिमय से एयरपोर्ट के बुनियादी ढांचे के उन्नयन का मार्ग प्रशस्त होगा और निर्माण कार्य मानसून के बाद शुरू होने की उम्मीद है।
बता दें कि यह डेवलपमेंट कार्य केंद्र सरकार द्वारा समर्थित ₹900 करोड़ की बड़ी निवेश योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर पहुंचाना है। हालांकि इसका स्वामित्व भारतीय वायु सेना के पास है, लेकिन हवाई अड्डे के नागरिक संचालन का प्रबंधन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। नई योजना के तहत, इस सुविधा को एक हाई-टेक एविएशन हब में बड़े बदलाव से गुजरना होगा।
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अधिकारियों के अनुसार, अपग्रेड किए गए हवाई अड्डे में DVOR और DME जैसे उन्नत नेविगेशन सिस्टम होंगे, जो सभी मौसम में उड़ान संचालन को सक्षम करेंगे। आगामी टर्मिनल काफी बड़ा होगा और इसमें एक साथ 10 विमान तक आ-जा सकेंगे। 2024-25 में, हवाई अड्डे ने लगभग 8.7 लाख यात्रियों को संभाला और 5,600 से अधिक विमानों की आवाजाही दर्ज की।