आईपीओ मार्केट (सौजन्य : सोशल मीडिया )
देश में इस समय आईपीओ मार्किट बूम पर है। पिछले छह महीनों में कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 56,340 करोड़ रुपए जुटाए हैं। डेटा एनालिटिक्स फर्म प्राइमडेटाबेस के मुताबिक 2024-25 की पहली छमाही में 40 भारतीय कॉरपोरेट्स ने मेन बोर्ड आईपीओ के माध्यम से 51,365 करोड़ रुपए जुटाए हैं जो 2023-24 में इसी अवधि में 31 आईपीओ द्वारा जुटाए गए 26,311 करोड़ से करीब दोगुना है। इसके अलावा आगामी नंवबर- दिसबंर में आने वाले शादियों के सीजन में भी इसमें बढोतरी हो सकती है।
बजाज हाउसिंग फाइनेंस का आईपीओ था सबसे बड़ा
आईपीओ के जरिए सबसे ज्यादा फंड उगाहने का रिकॉर्ड साल 2021-22 का था। इस छमाही में 52,325 करोड़ रुपए जुटाए गए थे। इस छमाही में सबसे बड़ा आईपीओ बजाज हाउसिंग फाइनेंस (6,560 करोड़) का था। इसके बाद ओला इलेक्ट्रिक (6,146 करोड़) और भारती हेक्साकॉम (4,275 करोड़) का स्थान रहा। दूसरी ओर, सबसे छोटा आईपीओ क्रोनॉक्स लैब का था, जिसने सिर्फ़ 130 करोड़ जुटाए। औसत डील का आकार ₹1,284 करोड़ था, जो पिछले साल की इसी अवधि में 849 रुपये करोड़ था। इस 40 में से 22 आईपीओ अगस्त और सितंबर में ही आए।
रिटेल निवेशकों की भी आईपीओ में जबरदस्त रुचि
रिटेल निवेशकों ने भी आईपीओ बाजार में जबरदस्त रुचि दिखाई है। बीती छमाही आए आईपीओ में रिटेल निवेशकों से प्राप्त आवेदनों की औसत संख्या दोगुनी से अधिक होकर 20.91 लाख हो गई, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 9.67 लाख थी। खुदरा निवेशकों से सबसे अधिक आवेदन बजाज हाउसिंग फाइनेंस (58.66 लाख) को मिले, उसके बाद अर्केड डेवलपर्स (45.37 लाख) और नॉर्दर्न आर्क (45.13 लाख) का स्थान रहा। आंकड़े बताते हैं कि दूसरी छमाही में कंपनियां आईपीओ के जरिए और भी ज्यादा पैसे जुटाने जा रही हैं। दूसरी छमाही के लिए 26 कंपनियों को सेबी की मंजूरी मिल गई है, जो कुल 72 हजार करोड़ जुटाने जा रही हैं। वहीं, लगभग 89 हजार करोड़ जुटाने की इच्छुक 55 अन्य कंपनियों को सेबी की मंजूरी का इंतजार है।