स्विस बैंक, (फाइल फोटो)
Indian Money In Swiss Bank: स्विस बैंक में भारतीयों का कितना पैसा है? यह एक ऐसा सवाल है, जो अक्सर चर्चा में आता है। यही सवाल संसद में एक बार फिर उठा। सवाल में ये भी शामिल किया गया कि क्या साल 2024 में भारतीयों की जमा राशि तीन गुना बढ़कर लगभग 37,600 करोड़ रुपये हो गई? क्या इसमें काला धन भी शामिल है? और 2022 से अब तक विदेशों से कितना काला धन वापस लाया गया है, सरकार ने इस पर पूरे विस्तार से जवाब दिया।
केंद्र सरकार ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के आंकड़े बताते हैं कि स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि 2024 में बढ़ी है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा सदस्य जावेद अली खान के सवालों के एक लिखित उत्तर में कहा है कि एसएनबी के आंकड़ों पर आधारित कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में जिक्र किया गया है कि 2024 में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा यानी 2023 की तुलना में बढ़ा है।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि स्विट्जरलैंड में भारतीयों का पैसा 2024 में बढ़कर 37,600 करोड़ रुपये हो गया। संसद में इस पर स्पष्टीकरण देते हुए वित्त मंत्रालय ने इन आंकड़ों की सरल व्याख्या को खारिज किया, वहीं पंकज चौधरी ने एसएनबी के आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट्स का हवाला दिया, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि इन आंकड़ों का इस्तेमाल भारतीयों के पास मौजूद काले धन का अनुमान लगाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। उनके मुताबिक एसएनबी के आंकड़ों में ग्राहकों की जमा राशि (किसी देश में स्थित स्विस बैंकों की विदेशी शाखाओं में डिपॉजिट समेत) और अन्य देनदारियों के संबंध में देय राशि शामिल है। यानी जितना पैसा स्विस बैंकों में है, उस सबको काला धन नहीं माना जाना चाहिए।
सरकार ने यह भी बताया है कि कितना काला धन स्विस बैंक से वापस आया है। काला धन अधिनियम (बीएमए) 2015 के लागू होने के बाद 2015 में 3 महीने की वन-टाइम कम्प्लायंस विडो के दौरान 684 खुलासों से 4,164 करोड़ रुपये की अघोषित विदेशी संपत्ति का पता चला, जिस पर 2,476 करोड़ रुपये का टैक्स और जुर्माना वसूला गया।
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स्विस बैंक में अकाउंट रखना अपने आप में अवैध नहीं है, बशर्ते आपको इनकम की जानकारी देनी होगी और टैक्स भरना होगा। भारत सरकार को 2019 से AEOI ढांचे के तहत स्विट्जरलैंड और 100 से अधिक विदेशी न्यायालयों से वित्तीय सूचनाओं का ऑटोमेटिक आदान-प्रदान प्राप्त होता रहा है। सरकार ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वैध जमा को काले धन से भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। जनता को वैध धन और अवैध संपत्ति के बीच अंतर समझना होगा।