Dollar vs Rupee, (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुंबई: घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख और विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी के कारण सोमवार को रुपया 24 पैसे उछलकर 86.81 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और सकारात्मक वैश्विक बाजारों के कारण रुपया थोड़ा सकारात्मक रुख के साथ कारोबार कर रहा है। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने स्थानीय मुद्रा की बढ़त को सीमित कर दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.90 पर खुला और डॉलर के मुकाबले दिन के उच्चस्तर 86.76 तक गया और 86.90 के निचले स्तर तक आया। कारोबार के अंत में यह 86.81 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह पिछले बंद स्तर से 24 पैसे की बढ़त है।
गुरुवार को पिछले सत्र में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे की बढ़त के साथ 87.05 पर बंद हुआ था। होली के अवसर पर शुक्रवार को विदेशी मुद्रा और शेयर बाजार बंद रहे। मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और सकारात्मक वैश्विक बाजारों के कारण रुपया थोड़ा सकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। हालांकि, व्यापार शुल्क के मुद्दे और विदेशी निवेशकों द्वारा निकासी से तेज उछाल पर रोक लग सकती है।
इस बीच दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.60 पर आ गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.92 प्रतिशत चढ़कर 71.23 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 341.04 अंक की बढ़त के साथ 74,169.95 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 111.55 अंक चढ़कर 22,508.75 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने गुरुवार को शुद्ध आधार पर 792.90 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।
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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक ने घरेलू करेंसी में गिरावट को रोकने के लिए फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में अमेरिकी करेंसी को बेचा है। रुपये को इसका भी फायदा मिला है। शेयर बाजार ने भी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी के बीच अमेरिका में ग्रोथ में सुस्ती के अनुमानों पर प्रतिक्रिया दी है। ऐसे में फेडरल रिजर्व के आने वाली पॉलिसी बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने की उम्मीद है। जबकि बाजार मई में दरों में कटौती को लेकर बंटा हुआ है।