भारत में कंप्यूटर बाजार (कांसेप्ट फोटो-सौ. से सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में कंप्यूटर बाजार अगले पांच वर्षों में सालाना 5.1 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। वित्तीय सूचना और विश्लेषण फर्म के अनुसार, अगस्त में समाप्त तीन महीनों में भारत के लैपटॉप का आयात साल दर साल 10.8 प्रतिशत बढ़ा, जिसका नेतृत्व एप्पल से जुड़े शिपमेंट ने किया। इसलिए इस क्षेत्र में उछाल के संकेत देखे जा सकते हैं। इसके लिए भारत कई तरह की रियायतें देने के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में प्रतिबंध भी लगा सकता है।
यदि भारत में लैपटॉप की असेंबली का विस्तार होता है, तो घटकों का आयात भी बढ़ सकता है, मुख्य भूमि चीन और हांगकांग में अगस्त 2024 तक 12 महीनों में कंप्यूटर घटकों (सेमीकंडक्टर को छोड़कर) का बड़ा आयात होगा।
हाल ही में आई रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे सरकार कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग के साथ-साथ सिस्टम को असेंबल करने की सुविधा को भी प्रोत्साहित कर सकती है। मार्केट इंटेलिजेंस फर्म का मानना है कि भारत 2025 के दौरान लैपटॉप के आयात को सीमित करने वाले नियमों को फिर से लागू कर सकता है, जिसे पहले 2023 में वापस ले लिया गया था। रिपोर्ट में जोर दिया गया है कि घरेलू विनिर्माण उद्योग का विस्तार करने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों सहित अन्य नीतियों पर विचार किया जा सकता है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के वर्षों में भारत के विनियामक जोखिम अपने समकक्षों से कम हो गए हैं, जिससे वहां फिर से बसना अधिक आकर्षक हो गया है। भारत धीरे-धीरे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, विशेष रूप से स्मार्टफोन और लैपटॉप का केंद्र बन रहा है। सरकार इस मौके को भुनाने की कोशिश कर रही है। इससे सरकार की आय और रोजगार दोनों बढ़ेगा।
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