अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फोटो- सोशल मीडिया)
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका की सत्ता के संभालने के बाद ही उन्होंने टैरिफ पॉलिसी को लेकर अपना रुख साफ कर दिया था। बताया जा रहा है कि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, ब्लू स्टार, हैवल्स और डिक्सन
टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियों ने इस बात को माना है कि अमेरिकी की टैरिफ पॉलिसी उनके लिए संजीवनी साबित हुई है।
ऐसा इसीलिए हुआ है क्योंकि इनमें से ज्यादातर के पास अब अमेरिकी पार्टनर्स से ज्यादा कारोबार के लिए पूछताछ की बाढ़ आ गई है। वर्तमान समय में ये चर्चा तेज है कि भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौता यानी बीटीए को बढ़ावा दे सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी अपने मुख्य ग्राहक के लिए अपनी बढ़ी हुई ऑर्डर बुक को पूरा करने के लिए 50 प्रतिशत तक क्षमता का विस्तार कर रही है, जिसका एक बड़ा हिस्सा उत्तरी अमेरिका एक्सपोर्ट के लिए होने वाला है। कॉम्पल के जरिए एक बड़े अमेरिकी ब्रांड के लिए प्रोडक्शन की क्वांटिटी एक्सपोर्ट के संभावित अवसरों के साथ बढ़ सकती हैं।
हालांकि कंपनी ने किसी भी ब्रांड का नाम तो नहीं लिया, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसका प्रमुख कस्टमर मोटोरोला है, जो अमेरिका को हैंडसेट एक्सपोर्ट करता है और अमेरिकी ब्रांड गूगल का पिक्सल है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गूगल भारत से हैंडसेट एक्सपोर्ट करना चाहता है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल और सैमसंग जैसी स्मार्टफोन कंपनियों से कहा है कि वो भारत और बाकी जगहों से सामान मंगाने की जगह अमेरिका में ही प्रोडक्शन करें वरना उनको 25 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, कुछ एक्सपर्ट्स ने ये बात कही है कि एडिशनल टैरिफ के बाद भी कंपनियों के लिए भारत में प्रोडक्शन करना और एक्सपोर्ट करना सस्ता होगा।
थल ही नहीं जल में भी भारत रहेगा अजेय, सरकार ने तैयार किया 44000 करोड़ का मास्टरप्लान
वर्तमान समय में अमेरिका ने चीन पर टैरिफ को 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत तक कर दिया है, जबकि भारत ने 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिस पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। अमेरिका ने भारत पर सिर्फ 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया है और 26 प्रतिशत टैरिफ जुलाई में फिर से लागू किया जा सकता है।