भारतीय नौसेना (सौ. सोशल मीडिया )
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पूरी दुनिया ने भारत के एयर फोर्स और आर्मी का जलवा देख लिया है। भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने आकाश में पाकिस्तान की मिसाइल और ड्रोन को मार गिराया। मोदी सरकार एयर फोर्स की मजबूती के साथ-साथ नौसेना को भी और ज्यादा मजबूत करने की तैयारी में जुट गई है।
केंद्र सरकार ने भारतीय नौसेना को मजबूत करने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए भारत सरकार ने 44000 करोड़ रुपये का प्लान बनाया है, जिसके अंतर्गत समुद्र में छिपी हुई बारूदी सुरंगों का पता लगाने और उसे नष्ट करने वाले 12 खास युद्धतोप बनाए जाने वाले हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेशनल डिफेंस मिनिस्ट्री ने इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने का फैसला किया है, जो काफी लंबे समय से अटका हुआ था। ये 12 माइन काउंटरमेजर वेसल्स यानी एमसीएमवी इंडियन नेवी के लिए बनाए जाएंगे, जो समुद्र में दुश्मनों के द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंगों को ढूंढ़कर तबाह करेंगे। इन युद्धपोतों की लागत तकरीबन 44,000 करोड़ रुपये होगी और इन्हें भारत के शिपयार्ड्स में ही बनाया जाने वाला हैं।
आपको बता दें कि फिलहाल भारतीय नौसेना के बेड़े में एक भी एमसीएमवी नहीं है। इसके पहले भारतीय नौसेना के पास करवार-क्लास और पॉन्डिचेरी-क्लास के कुछ माइनस्वीपर्स थे, जोौ कुछ सालों पहले ही रिटायर हो चुके हैं। फिलहाल नौसेना कुछ जहाजों पर लगे क्लिप ऑन माइन काउंटरमेजर सुइट्स के भरोसे ही काम चला रही है, जो 7,516 किमी लंबी तटरेखा और 13 बड़े व 200 छोटे पोर्ट्स की सुरक्षा करने के लिए काफी नहीं है।
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मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के सूत्रों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट को जल्द ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई वाले डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल के सामने एक्सेप्टेंस ऑफ नेसिसिटी के लिए रखा जाने वाला है। इसके बाद इंडियन शिपयार्ड्स से टेक्नो-कमर्शियल बिड्स मंगवायी जाएगी। कॉन्ट्रैक्ट साइन होने के बाद पहला एमसीएमवी तैयार होने में 7 से 8 साल लग सकते हैं।