एविएशन सेक्टर (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : भारत का एविएशन सेक्टर दुनिया का सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला एविएशन सेक्टर है। पिछले 10 सालों में जब से पीएम मोदी का सरकार आयी है तब से ही सेंट्रल एविएशन मीनिस्टर की ओर से ये कहा जा रहा है कि वह भारत को जल्द ही एविएशन हब बनाने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि अबकी बार केंद्र सरकार ने पहली बार इस मुद्दे को लेकर कोई योजना तैयार करने की बात स्वीकारी है।
बताया जा रहा है कि इससे जुड़ी एक जरूरी झलक इस बार के आम बजट में देखने के लिए मिल सकती है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले बजट में एविएशन सेक्टर को टैक्स डिस्काउंट दिया जा सकता है। एविएशन सेक्टर की कंपनियों को काम करने से संबंधित नियमों को आसान बनाने और देश में एविएशन कंपनियों पर लगाए जाने वाले सर्विस टैक्स में डिस्काउंट देने जैसे पैकेज का ऐलान किया जाने वाला है।
इस पैकेज के प्रारूप नीति आयोग ने केंद्र सरकार के सभी संबंधित मंत्रालयों जैसे पेट्रोलियम मंत्रालय, नागरिक विमानन मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के साथ पूरी गंभीरता के साथ सोच विचार करके तैयार किया है। बताया जा रहा है कि नीति आयोग का ये पैकेज कई फेज में लागू किया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार पता चला है कि साल 2024 में डोमेस्टिक एयर ट्रैवलर्स की संख्या करीब 22 करोड़ के पार जाने की उम्मीद की गई थी। ये संख्या साल 2030 तक 40 करोड़ हो सकती है और इंडियन एविएशन कंपनियों के पास मौजूद एयरक्राफ्ट्स की संख्या 800 से बढ़कर 1400 हो सकती है। इसके अलावा देश में एयरपोर्ट्स की मौजूदा संख्या 157 से बढ़कर 250 तक हो सकती है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के अनुसार, साल 2047 तक भारत में 400 एयरपोर्ट्स हो सकते हैं।
सरकार की योजना के अनुसार, देश में 2 एविएशन हब स्थापित किए जा सकते हैं। हालांकि पहले एक ही एविएशन हब बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन बाद में सिविल एविएशन मिनिस्ट्री की ओर से उत्तर और दक्षिण भारत दोनों ही हिस्सों में एक-एक अलग एविएशन हब बनाने की पेशकश की जाने वाली है। हरियाणा की राज्य सरकार ने हिसार को एक ग्लोबल एविएशन हब बनाने की बात कही है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसको लेकर कोई भी आखिरी फैसला नहीं लिया है।