व्हीकल कंपोनेंट (सौ. डिजाइन फोटो)
नई दिल्ली : भारत ने व्हीकल कंपोनेंट पर अमेरिका के द्वारा लगाए जाने वाले टैरिफ को लेकर अपना मत पेश किया है। भारत ने टैरिफ लगाने को लेकर वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन यानी डब्ल्यूटीओ के सेफगार्ड एग्रीमेंट के अंतर्गत मंगलवार को अमेरिका के साथ कंसल्टेशन की डिमांड रखी है।
भारत ने यह कदम स्टील एवं एल्युमीनियम पर अमेरिकी टैरिफ के जवाब में चुनिंदा अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर रेसीप्रोकल टैरिफ लगाने का अधिकार सुरक्षित रखने के तुरंत बाद उठाया है। भारत की ओर से डब्ल्यूटीओ को भेजे गए एक पत्र के अनुसार, अमेरिका ने 26 मार्च, 2025 को पैंसेजर्स व्हीकल्स और हल्के वजन के ट्रक के इंपोर्ट पर और भारत में बने व्हीकल कंपोनेंट के इंपोर्ट पर 25 प्रतिशत की टैरिफ ग्रोथ के रूप में एक सुरक्षा उपाय अपनाया।
व्हीकल कंपोनेंट पर यह उपाय 3 मई, 2025 से और अलिमिटेड पीरियड के लिए लागू होने की बात कही गई थी। इस पत्र के अनुसार, भारत का मानना है कि यह उपाय अपने डिजाइन और प्रभाव में गैट यानी व्यापार और सीमाशुल्क संबंधी सामान्य समझौता 1994 और सुरक्षा उपायों पर समझौते के संदर्भ में एक सेफगार्ड उपाय है, क्योंकि इसका उद्देश्य अमेरिकी डोमेस्टिक इंडस्ट्री को बढ़ते इंपोर्ट से बचाना है।
इस पत्र में कहा गया है कि सिक्योरिटी उपायों पर डब्ल्यूटीओ कमिटी को सूचित करने में अमेरिका नाकाम रहा। इसमें कहा गया है कि ऐसी स्थिति में संबंधित प्रोडक्ट्स में अमेरिका के लिए अहम एक्सपोर्ट हित वाले एक प्रभावित सदस्य के रूप में भारत अमेरिका के साथ कंसल्टेशन का अनुरोध करता है।
इस कंसल्टेशन के दौरान भारत सेफगार्ड पर विचारों का आदान-प्रदान करना चाहेगा। भारत ने इस अनुरोध पर अमेरिका से जल्द से जल्द जवाब पाने और परामर्श के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख और जगह तय करने की उम्मीद जताई है।
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भारत डब्ल्यूटीओ के गठन संबंधी एग्रीमेंट के अंतर्गत अपने सभी अधिकार सुरक्षित रखता है। पिछले साल अमेरिका ने ग्लोबल लेवल पर 89 अरब डॉलर के व्हीकल कंपोनेंट का इंपोर्ट किया था जिसमें भारत का हिस्सा 2.2 अरब डॉलर का था।