रूस-भारत बैठक, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
S Jaishankar Russia Visit: विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों रूस यात्रा पर हैं। उन्होंने सोमवार को रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से भेंट की और दोनों नेताओं ने मिलकर 26वीं भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-TEC) की बैठक की सह-अध्यक्षता की।
इस बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार, अर्थव्यवस्था, विज्ञान-तकनीक और सांस्कृतिक साझेदारी पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही कृषि, ऊर्जा, उद्योग, कौशल विकास, गतिशीलता, शिक्षा और संस्कृति जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया। बैठक के दौरान जयशंकर ने भारत की ओर से रिश्तों को और मजबूत करने के लिए कई अहम सुझाव भी पेश किए।
एस. जयशंकर ने बैठक की जानकारी साझा करते हुए एक्स पर लिखा कि “हम ऐसे समय पर मिल रहे हैं जब वैश्विक हालात बेहद जटिल हैं। इसलिए मेरा सुझाव है कि IRIGIC-TEC को इस तरह सशक्त बनाया जाए ताकि वह रूस-भारत के आर्थिक सहयोग को और अधिक गहराई और गति देने वाला एक शक्तिशाली माध्यम बन सके।”
Co-chaired an extremely productive 26th India-Russia Inter-Governmental Commission on Trade, Economic, Scientific, Technological and Cultural Cooperation IRIGC-TEC along with First DPM Denis Manturov of Russia today.
We had detailed discussions on our cooperation in a… pic.twitter.com/fJHqjjloY4
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 20, 2025
क्रमांक | सुझाव |
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1 | एक रचनात्मक और नवीन दृष्टिकोण की आवश्यकता |
2 | आपसी परामर्श से एजेंडे में निरंतर विविधता और विस्तार लाना |
3 | मात्रात्मक लक्ष्य और विशिष्ट समय-सीमाएं तय करना ताकि अधिक उपलब्धि हो सके |
4 | आईआरआईजीसी सत्रों के बीच कम से कम 2 अंतर-सत्रीय बैठकें और वर्चुअल मध्यावधि समीक्षा करना |
5 | व्यापार मंच और कार्य समूहों के बीच समन्वय तंत्र स्थापित करना |
6 | वार्षिक नेता शिखर सम्मेलन की तैयारी और साझेदारी को आगे बढ़ाना |
रूस दौरे पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि 2021 में जहां द्विपक्षीय व्यापार का स्तर 13 अरब अमेरिकी डॉलर था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 68 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है और इसमें लगातार इजाफा हो रहा है। हालांकि, इस तेजी से बढ़ते व्यापार के साथ एक बड़ी चुनौती भी खड़ी हो गई है। व्यापार घाटा 6.6 अरब डॉलर से उछलकर 58.9 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, यानी करीब नौ गुना। जयशंकर ने कहा कि इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देना आवश्यक है।
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यह दौरा रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के आमंत्रण पर आयोजित हो रहा है। विदेश मंत्रालय ने इसे रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम बताते हुए कहा कि यह भारत और रूस के बीच की “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” को और मजबूत करेगा।