रिलायंस जियो 5जी (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : देश के सबसे दिग्गज बिजनेसमैन मुकेश अंबानी ने साल 2016 के सितंबर महीने में रिलायंस जियो को लॉन्च किया था। इस लॉन्चिंग इवेंट के दौरान अंबानी ने कहा था आने वाला भविष्य डेटा इस न्यू ऑयल के कारण जाना जाएगा। उनकी इस बात के 2 मतलब थे कि आने वाला युग एक वो डेटा का होगा जिसमें आप और हम लाइक, कमेंट, शेयर, चैट, पोस्ट के जरिए दुनिया की बड़ी बड़ी टेक कंपनियों को देंगे और दूसरा वो डेटा होगा जो कि डेटा स्पीड से जुड़ा हुआ होगा यानी 4जी और 5जी की दुनिया। ये मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो का कमाल है कि आज भारत ने 5जी टैक्नोलॉजी के मामले में ब्रिटेन जैसे देश को भी पीछे छोड़ दिया है।
रेटिंग एजेंसी ओकला के ग्लोबल स्पीडटेस्ट इंडेक्स ने मोबाइल इंटरनेट के मामले में भारत के ब्रिटेन और बाकी अन्य यूरोपीय देशों से ज्यादा बेहतरीन रैकिंग होने की बात कही है। आज की बात की जाएं तो भारत पूरी तरह से 5जी के लिए तैयार है, जबकि यूरोप के की देश इस मामले में भारत से कई गुना पीछे है।
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ग्लोबल स्पीडटेस्ट इंडेक्स में मोबाइल इंटरनेट स्पीड कैटेगरी के मामले में भारत 26वें पायदान पर है, जबकि कनाडा, माल्टा, क्रोएशिया और ब्राजील जैसे देश अभी भी भारत से पीछे हैं। इस कैटेगरी में फिलहाल ब्रिटेन की रैकिंग 53वें पायदान पर है। साथ ही अगर मोबाइल पेनेटेरेशन की बात की जाए तो भारत इस मामले में भी बाकी देशों से ज्यादा बेहतर स्थिति में है। भारत में 78 प्रतिशत जनता के पास मोबाइल कनेक्शन है।
इसके अलावा भारत में मोबाइल से इंटरनेट का उपयोग करने वाले यूजर्स की संख्या तकरीबन 93.61 करोड़ तक के आंकड़े को पार कर चुकी है। मोबाइल सब्सक्राइबर्स के मामले में रिलायंस जियो देश की सबसे बड़ी कंपनी के तौर पर पहचान बना चुकी है। इस सूची में भारती एयरटेल दूसरे पायदान पर हैं।
जहां एक तरफ भारत 6जी टेक्नोलॉजी के लिए तैयार है, तो वहीं ब्रिटेन जैसे देश में 5जी टेक्नोलॉजी की शुरूआत भी नहीं हुई है। यहां वोडाफोन और थ्री जैसी टेलीकॉम कंपनियां मर्जर करके अरबों का निवेश करने वाली है। जहां भारत अब 6जी टेक्नोलॉजी की तैयारी कर रहा है, वही ब्रिटेन अभी भी खुदको 5जी टेक्नोलॉजी के लिए अपडेट कर रहा है।