लोन ईएमआई (सौ. सोशल मीडिया )
Inflation Rate Impact On Loan And EMI:– हाल ही में आए ताजा आंकड़ों में महंगाई दर घटने की खबर सामने आयी है। मंगलवार को पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, लगातार 9वें महीने में खाद्य मंहगाई दर 1.55 प्रतिशत रही है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि महंगाई दर में गिरावट आने के कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई को भविष्य में रेपो रेट यानी कर्ज पर ब्याज दरें कम करने में मदद मिल सकती है। उनका मानना है कि अगर इंफ्लेशन रेट आरबीआई के अनुमान से कम रहता है, तो सेंट्रल बैंक आने वाले समय में इंटरेस्ट रेट में कटौती कर सकता है। जिसके चलते सस्ती दर पर लोन मिलने की डिमांड बढ़ सकती है। साथ ही EMI भी कम होने की संभावना बढ़ गई है।
आरबीआई ने हाल ही में पूरे साल का इंफ्लेशन रेट का अनुमान घटाकर 3.1 फीसदी कर दिया है, जो पहले 3.7 फीसदी था। आरबीआई को ऐसी उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर में एवरेज इंफ्लेशन सिर्फ 2.1 फीसदी रहेगी। तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर के महीने में ये 3.1 फीसदी रहने की उम्मीद है। साथ ही चौथी तिमाही में यानी जनवरी के मार्च के महीने में इंफ्लेशन रेट 4.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
पिछले महीने यानी जुलाई 2025 में फूड इंफ्लेशन रेट यानी उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक या सीएफपीआई 1.76 फीसदी रही, जबकि जून में ये दर 1.01 फीसदी थी। जिसका सीधा मतलब है कि खाद्य महंगाई में और भी ज्यादा कमी आयी है। जनवरी 2019 के बाद से ही खाद्य पदार्थों में इतनी गिरावट नहीं आयी थी। ग्रामीण इलाकों में तो फूड इंफ्लेशन रेट जुलाई के महीने में 1.74 प्रतिशत रही, जो जून के महीने में 0.87 प्रतिशत थी।
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अर्बन एरिया में फूड इंफ्लेशन रेट 1.17 प्रतिशत था, जो जून के महीने में 1.90 प्रतिशत रहा था। ग्रामीण इलाकों में बाकी सभी चीजों की महंगाई दर जुलाई के महीने में घटकर 1.18 प्रतिशत हो गई, जो जून में 1.72 प्रतिशत थी। शहरी इलाकों में इंफ्लेशन रेट की दर 2.56 फीसदी से घटकर 2.05 फीसदी पर आ गई है।