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GVA Growth मेंटेन रखने के लिए भारत में सालाना 10 मिलियन नई नौकरियों की आवश्यकता, जानिए क्या कह रही है ताजा रिपोर्ट

रेटिंग एजेंसी गोल्डमैन सेच्स ने हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की है। जिसमें बताया जा रहा है कि किफायती आवास विकास को प्रोत्साहित करने से रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिल सकता है।

  • By अपूर्वा नायक
Updated On: Nov 02, 2024 | 11:43 AM

गोल्डमैन सेच्स (सौजन्य : सोशल मीडिया)

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नई दिल्ली : गोल्डमैन सेच्स ने हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की है, जिसके आधार पर पता चला है कि भारत को वित्त वर्ष 2025 से 2030 तक हर साल लगभग 10 मिलियन नई नौकरियों की जरूरत होगी, ताकि सालाना 6.5 प्रतिशत की औसत जीवीए यानी सकल मूल्य वर्धित बढ़त को बनाए रखा जा सके।

किफायती आवास विकास को प्रोत्साहित करने से रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिल सकता है, जो कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 80 प्रतिशत से ज्यादा वर्क फोर्स को रोजगार देता है। इससे विभिन्न स्किल लेवल में रोजगार सृजन को काफी बढ़ावा मिलेगा।

बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

टियर-2 और टियर-3 शहरों में आईटी हब और छोटे शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्र यानी जीसीसी स्थापित करने से टियर-1 शहरी केंद्रों पर दबाव कम होगा और कम सेवा वाले क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।कपड़ा, फूड प्रोसेसिंग और फर्नीचर जैसे लेबर इंटेसिव मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ओर राजकोषीय प्रोत्साहनों को स्थानांतरित करने से निम्न से मध्यम स्किल वाले लेबर के लिए रोजगार सृजन में सहायता मिल सकती है।

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श्रम-प्रधान क्षेत्रों

जबकि सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन यानी पीएलआई योजनाओं ने मुख्य रूप से पूंजी-प्रधान उद्योगों को लाभ पहुंचाया है, गोल्डमैन सेच्स ने कपड़ा, जूते, खिलौने और चमड़े के सामान सहित ज्यादा लेबर इंटेंसिव सेक्टर की ओर एक उत्साहजनक बदलाव को नोट किया है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य भारत के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को व्यापक रोजगार लक्ष्यों के साथ जोड़ना है, क्योंकि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की लगभग 67 प्रतिशत नौकरियाँ श्रम-प्रधान क्षेत्रों में रहती हैं।

नौकरियों का लगभग 13 प्रतिशत

पिछले 2 दशकों में, भारत ने लगभग 196 मिलियन नौकरियाँ जोड़ी हैं, जिनमें से दो-तिहाई पिछले 10 सालों में सृजित की गई हैं। महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं क्योंकि ज्यादा लेबर ने कृषि से निर्माण और सेवा भूमिकाओं में बदलाव किया है। भारत में निर्माण रोजगार का एक प्राथमिक चालक बना हुआ है, जो कुल नौकरियों का लगभग 13 प्रतिशत है। रियल एस्टेट और इंफ्रास्क्रचर में इंवेस्टमेंट ने न केवल नौकरियाँ पैदा की हैं, बल्कि निम्न-से-मध्यम आय वाले परिवारों में आय के स्तर को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।

नई भूमिकाएँ पैदा हुई

इसी तरह, सर्विस सेक्टर जो कुल रोजगार में लगभग 34 प्रतिशत का योगदान देता है, का भी काफी विस्तार हुआ है। उल्लेखनीय रूप से, खुदरा व्यापार खंड को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेंशन से लाभ हुआ है, क्योंकि रिटेल सेल्सपर्सन ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर चले गए हैं, जिससे इन्वेंट्री मैनेजमेंट, पैकेजिंग और डिलीवरी सर्विस जैसे सेक्टरों में नई भूमिकाएँ पैदा हुई हैं।

Goldman sachs reported india needs 10 million new jobs annually to sustain 6 5 pc gva growth through fy30

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Published On: Nov 02, 2024 | 11:43 AM

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  • Real Estate

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