आज सोने और चांदी की कीमत (सोर्स- सोशल मीडिया)
Gold-Silver Rate Today in India: भारतीय सर्राफा बाजार में 17 दिसंबर की सुबह सोने और चांदी के खरीदारों के लिए राहत भरी खबर लेकर आई है। वैश्विक बाजारों से मिल रहे कमजोर संकेतों और निवेशकों द्वारा की गई मुनाफावसूली के कारण सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली से लेकर मुंबई तक 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने के भाव नीचे आए हैं। वहीं चांदी की कीमतों में भी बुधवार सुबह कमी देखी गई है।
आज राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोने का भाव गिरकर 134,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में इसकी कीमत 133,850 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है। चेन्नई और कोलकाता जैसे महानगरों में भी भाव मुंबई के समान ही 133,850 रुपये के स्तर पर बने हुए हैं।
भोपाल और अहमदाबाद में 24 कैरेट सोना 133,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है। कीमतों में इस कमी का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के हाजिर भाव का गिरकर 4,277.42 डॉलर प्रति औंस पर आना माना जा रहा है।
आभूषण बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले 22 कैरेट सोने की कीमतों में भी आज राहत है। दिल्ली, जयपुर और लखनऊ में 22 कैरेट सोने का भाव 122,840 रुपये प्रति 10 ग्राम है। वहीं मुंबई, पुणे, हैदराबाद और बेंगलुरु में यह 122,690 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार घरेलू बाजार में कीमतें न केवल वैश्विक कारकों से बल्कि रुपये और डॉलर की विनिमय दर से भी प्रभावित होती हैं। इस साल अब तक घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में कुल 65 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी देखी जा चुकी है।
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी बुधवार सुबह मंदी का रुख रहा। बाजार में चांदी का भाव गिरकर 199,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी का हाजिर भाव 63.02 डॉलर प्रति औंस दर्ज किया गया है।
औद्योगिक मांग में उतार-चढ़ाव और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के कारण चांदी की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि रुपया कमजोर बना रहता है, तो आने वाले समय में कीमतों में फिर से उछाल आ सकता है।
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बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर वैश्विक परिस्थितियां अस्थिर रहती हैं और रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होता है, तो 2026 में सोने की कीमतें 5 से 16 प्रतिशत तक और चढ़ सकती हैं। फिलहाल कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते बाजार में करेक्शन का दौर जारी है।
निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे लंबी अवधि के नजरिए से ही निवेश करें। घरेलू कारकों जैसे शादी-ब्याह के सीजन की मांग भी आने वाले दिनों में कीमतों को प्रभावित कर सकती है।