सोने और चांदी की कीमतें (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : ईरान और इजराइल के बीच होने वाले संघर्ष और कमजोर ग्लोबल ट्रेंड के चलते ज्वेलरी वेंडर्स और स्टॉकिस्टों की लगातार बिकवाली के कारण मंगलवार को देश की राजधानी दिल्ली के सर्राफा मार्केट में गोल्ड रेट में गिरावट आयी है।
आज गोल्ड रेट में 1,200 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है और इस कीमत के साथ ये 1,00,170 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रही है। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के द्वारा ये जानकारी दी गई है। पिछले ट्रेड सेशन में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला गोल्ड 1,01,370 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला गोल्ड 1,100 रुपये घटकर सभी करों सहित 99,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। सोमवार को यह 1,00,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा है कि मंगलवार को गोल्ड रेट में और गिरावट आयी, क्योंकि व्यापारियों ने इजराइल और ईरान के बीच पूर्ण रूप से क्षेत्रीय युद्ध की संभावना का रीवैल्यूएशन किया। यह बदलाव उन रिपोर्टों के बाद आया है, जो बताती हैं कि ईरान, इजराइल के साथ अपने बढ़ते संघर्ष के सोल्यूशन के लिए सक्रिय रूप से कूटनीतिक समाधान की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा है कि नाजुक युद्धविराम की उम्मीद ने गोल्ड के व्यापारियों के बीच सुस्ती की धारणा को बढ़ावा दिया है। हालांकि, मंगलवार को सिल्वर की कीमतें 100 रुपये बढ़कर सभी टैक्स सहित 1,07,200 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। पिछले ट्रेड सेशन में सिल्वर 1,07,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
ग्लोबल लेवल पर, हाजिर गोल्ड गिरावट के साथ 3,380.65 डॉलर प्रति औंस पर रहा। मेहता इक्विटीज के कमोडिटीज के उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा है कि पश्चिम एशिया में संघर्ष बढ़ने के बाद भी गोल्ड नेगेटिव ट्रेड कर रहा है और निवेशकों द्वारा हाई लेवल पर इस कीमती धातु में मुनाफावसूली होती देखी गई।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर सिल्वर का रेट 0.44 प्रतिशत बढ़कर 36.47 डॉलर प्रति औंस हो गई। कलंत्री ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की एमपीसी से पहले सिल्वर रेट्स भी दिन के हाई लेवल से नीचे आ गई हैं। हालांकि, वैश्विक अनिश्चितता और तनाव कीमती धातुओं की कीमतों को सहारा दे सकते हैं।
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अबान्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी चिंतन मेहता ने कहा है कि आर्थिक मोर्चे पर, निवेशकों की अमेरिकी इकोनॉमी की मजबूती का अंदाजा लगाने के लिए मई की रिटेल सेल्स और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़ों सहित अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों पर नजर होगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)