ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ( सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : फार्मास्युटिकल्स सेक्टर की जाने मानी कंपनियों में से एक ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने भारत में हो रहे दवाई उत्पादन को लेकर बड़ी बात कही है। अपने बयान में कंपनी ने कहा है कि भारत में दवा में उपयोग होने वाले केमिकल मार्केट में अगले 10 सालों में 9 से 10 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद की जा सकती है। साथ ही कंपनी ने ये भी कहा है कि इस दौरान जन औषधि केंद्र देश के मेडिकल सेक्टर में सबसे मजबूत यूनिट के रुप में उभर सकता है।
घरेलू औषधि रसायन बाजार का आकार दो लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जिसमें पिछले दो दशकों में सालाना 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मुंबई स्थित दवा विनिर्माता ने 2023-24 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा, ”अनुमान है कि घरेलू औषधि रसायन बाजार अगले दशक में नौ से 10 प्रतिशत की संचयी वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) बनाए रखेगा।”
यह अनुमान है कि ये जेनरिक खंड और जन औषधि केंद्र के विस्तार के साथ दस वर्षों में समग्र बाजार में इनकी 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हो सकती है। जन औषधि पहल का उद्देश्य 2026 तक 25,000 सहायक फार्मेसियों तक पहुंच बढ़ाकर किफायती, बिना ब्रांड वाली जेनेरिक दवाओं की बिक्री बढ़ाना है।
वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक जन औषधि खरीद की बाजार हिस्सेदारी अगले दशक में मात्रा के हिसाब से 3-5 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से लगभग 40-50 अरब रुपये हो सकती है। ग्लेनमार्क ने कहा कि बिना ब्रांड वाली जेनेरिक दवाओं और जन औषधि के बढ़ते प्रभाव के बावजूद ब्रांडेड जेनेरिक दवाओं का दबदबा बने रहने की उम्मीद है।
अगले दशक में इनकी बिक्री सालाना आठ प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। देश भर में 10,000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं। सरकार ने मार्च 2026 तक पूरे देश में 25,000 ऐसे केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है।
ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स मुंबई, भारत में मुख्यालय वाली एक फार्मास्युटिकल कंपनी है जिसकी स्थापना 1977 में ग्रेसीस सल्दान्हा ने एक सामान्य दवा और सक्रिय दवा घटक निर्माता के रूप में की थी; उन्होंने अपने दो बेटों के नाम पर कंपनी का नाम रखा। कंपनी ने शुरू में भारत, रूस और अफ्रीका में अपने उत्पाद बेचे। कंपनी 1999 में भारत में सार्वजनिक हुई, और अपनी पहली शोध सुविधा के निर्माण के लिए कुछ आय का उपयोग किया।
( एजेंसी इनपुट के साथ )