ईपीएफओ (डिजाइन फोटो )
नई दिल्ली : प्रोविडेंट फंड से जुड़े ईपीएफओ ने हाल ही में अहम बात कही है। ईपीएफओ ने जानकारी दी है कि मौजूदा वित्त वर्ष में ईपीएफओ ने सिर्फ 3 दिनों के अंदर ही लगभग 50 प्रतिशत क्लेम का निपटारा किया है। एक सीनियर ऑफिसर ने इस बात की जानकारी दी है।
इस ऑफिसर ने 5 जून तक के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने 1 अप्रैल, 2025 से 5 जून, 2025 के बीच 3 दिन के अंदर कुल 68.96 लाख क्लेम सेटलमेंट किए है। उन्होंने कहा कि इस तरह निपटाए गए क्लेम का अनुपात वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 39 प्रतिशत यानी 2.34 करोड़ था।
अधिकारी ने कहा कि 3 दिनों के अंदर सेटल किए गए क्लेम का अनुपात तेजी से बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि ईपीएफओ जल्द ही ऑटोमेटेड क्लेम सेटलमेंट की सीमा को मौजूदा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर देगा।
इस अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा है कि इस लिमिट में बढ़त के लिए ईपीएफओ की टॉप ऑफिशियल केंद्रीय न्यासी बोर्ड यानी सीबीटी की मंजूरी की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस काम को ईपीएफओ के कार्यकारी प्रमुख यानी केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त की ओर से ही किया जा सकता है।
केंद्रीय न्यासी बोर्ड में एम्पॉयर्स और ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि शामिल होते हैं जबकि इसका नेतृत्व केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री करते हैं। वर्तमान में, 1 लाख रुपये तक के सभी पात्र निकासी दावों का निपटान ऑटोमेटेड मेथ्ड से किया जाता है, बशर्ते सभी आवश्यक शर्तें पूरी हों। हेल्थ, रेसिडेंशियल, एजुकेशनल और विवाह के लिए 1 लाख रुपये तक के ईपीएफओ अग्रिम दावों का निपटान केवल 3 दिन में किया गया।
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ईपीएफओ का अंतिम लक्ष्य पेंशन, ग्रुप इंश्योरेंस और ईपीएफ विड्रॉल जैसे सभी प्रकार के क्लेम को दाखिल करने के 72 घंटों के अंदर निपटाना है। अधिकारी ने कहा कि बॉडी पुराने आंकड़ों से निपटने के तरीकों पर काम कर रहा है जिसके कारण ये क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस में देरी होती है। ईपीएफओ के 7 करोड़ से ज्यादा योगदानकर्ता सदस्य हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)