मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : सरकार ने हाल ही में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़े रोजगार को लेकर कुछ आंकड़ें पेश किए है। इन आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले 7.4 प्रतिशत की मजबूत बढ़त देखने को मिली है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में जो रोजगार वित्त वर्ष 2021-22 में 1.72 करोड़ था, वो वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1.84 करोड़ हो गया है। आपको बता दें कि ये आंकड़े बताते है कि इस सेक्टर में पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय की ये सबसे बड़ी बढ़त है।
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले राज्यों में टॉप राज्य तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक थे। इन पॉंचों राज्यों ने कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2022-23 में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में लगभग 55 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है, जबकि इन आंकड़ों में वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले 21.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वित्त वर्ष 2023-24 में इस सेक्टर में निवेशित पूंजी, इनपुट, आउटपुट, जीवीए, रोजगार और मजदूरी जैसे ज्यादातर आर्थिक मापदंड़ों के लिए बढ़त देखी गयी है। यहां तक कि निरपेक्ष मूल्य के संदर्भ में कोरोना महामारी के पहले के स्तर को भी पार कर लिया है। वित्त वर्ष 2022-23 में इस बढ़त के मुख्य चालक मूल धातु, कोक और परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों, खाद्य उत्पादों, रासायनिक और रासायनिक उत्पादों और मोटर वाहनों के मैन्यूफैक्चरर जैसे उद्योग थे।
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इन द्योगों ने कुल मिलाकर सेक्टर के कुल उत्पादन में लगभग 58 प्रतिशत का योगदान दिया है और इस साल 24.5 प्रतिशत की उत्पादन वृद्धि और 2.6 प्रतिशत की जीवीए बढ़त देखने को मिली है। एएसआई के रिजल्ट से पता चला है कि वित्त वर्ष 2022-23 में इस सेक्टर में रोजगार करने वाले लोगों की अनुमानित संख्या कोरोना महामारी के पहले के स्तर यानी 2018-19 से 22.14 लाख से ज्यादा हो गई है।
साथ ही आपको बता दें कि पिछले साल की तुलना में एवरेज सैलरी में भी बढ़त देखने को मिली है। आपको जानकारी दें कि इस सेक्टर में काम करने वाले प्रति व्यक्ति की एवरेज सैलरी साल 2021-22 के मुकाबले में 6.3 प्रतिशत बढ़ गयी है। जीवीए के संदर्भ में, महाराष्ट्र 2022-23 में पहले स्थान पर रहा, उसके बाद गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश का स्थान रहा।