प्रतीकात्मक तस्वीर, ( सोर्स- सोशल मीडिया)
मुंबई: घरेलू किचन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले टमाटर और आलू जैसी खाने वाली चीजों के दाम बढ़ने से दिसंबर में घर का बना हुआ खाना महंगा हो गया। सोमवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रेटिंग एजेंसी, क्रिसिल की एक इकाई की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शाकाहारी थाली तैयार करने की औसत लागत दिसंबर में छह प्रतिशत बढ़कर 31.6 रुपये प्रति प्लेट हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 29.7 रुपये प्लेट थी। हालांकि, यह कीमत नवंबर महीने की 32.7 रुपये की दर से कम है।
बता दें कि रोटी,राइस रेट रिपोर्ट, जो आम आदमी के भोजन पर खर्च का आकलन करती है में क्रिसिल ने पाया कि मांसाहारी थाली की लागत दिसंबर में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत और मासिक आधार पर तीन प्रतिशत बढ़कर 63.3 रुपये हो गई। खाद्य पदार्थों के महंगे होने के कारणों की जानकारी देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर में टमाटर की कीमतें 24 प्रतिशत बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं, जबकि आलू 50 प्रतिशत बढ़कर 36 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार द्वारा इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी के कारण वेजिटेबल ऑयल की कीमत में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे आम आदमी के लिए परेशानी बढ़ गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सालाना परिप्रेक्ष्य से एलपीजी ईंधन की दरों में 11 प्रतिशत की गिरावट ने उच्च लागत के प्रभाव को कम करने में मदद की है। मांसाहारी थाली के मामले में ब्रॉयलर की कीमत में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसका ओवरऑल भोजन लागत की गणना में 50 प्रतिशत भार होता है। रिपोर्ट के मुताबिक, पॉल्ट्री की कीमतों में उछाल पहले के निचले आधार की वजह से है।
बिजनेस सेक्टर से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
नवंबर की तुलना में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से ताजा आपूर्ति के बीच टमाटर की कीमतों में 12 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे शाकाहारी थाली की लागत तीन प्रतिशत कम करने में मदद मिली। इसमें कहा गया है कि प्याज की कीमतों में 12 प्रतिशत और आलू की कीमतों में दो प्रतिशत की गिरावट ने नवंबर और दिसंबर के बीच कीमतों में कमी लाने में मदद की। रिपोर्ट के अनुसार, शीतलहर से उत्पादन में गिरावट, त्योहारी और शादी-ब्याह की मांग में वृद्धि और चारे की ऊंची लागत के कारण ब्रॉयलर की कीमतों में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिससे दिसंबर में मांसाहारी थाली की लागत में तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई।