चाीनी अर्थव्यवस्था (सौजन्य : सोशल मीडिया)
हांगकांग : भारत के पड़ोसी देश चीन की आर्थिक हालत इस समय काफी मुश्किल दौर से गुजर रही है। हाल ही में सरकार ने चीनी इकोनॉमी से जुड़े नवीनतम आंकड़े जारी किए जिसके अनुसार पता चला है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रुप में पहचान बनाने वाली चीनी इकोनॉमी की सालाना ग्रोथ धीमी हो गयी है। चीन की अर्थव्यवस्था जुलाई सितंबर तिमाही में संभावित आंकड़े से कम 4.6 प्रतिशत रेट से बढ़ी है।
यह जुलाई-सितंबर तिमाही में उम्मीद से कम 4.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी जो 2024 के लिए निर्धारित किए ‘‘ करीब 5 प्रतिशत ” की वृद्धि के आधिकारिक लक्ष्य से काफी कम है। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने बयान में कहा, ‘‘ जटिल तथा गंभीर बाहरी वातावरण” और जटिल घरेलू इकोनॉमिक ग्रोथ के बावजूद अर्थव्यवस्था ‘‘ सामान्य रूप से स्थिर व निरंतर प्रगति कर रही है।”
वर्ष 2022 के अंत में कोविड-19 ग्लोबल महामारी से जुड़ी पाबंदियां हटाए जाने के बावजूद अर्थव्यवस्था सुस्त बनी हुई है। उपभोक्ता विश्वास कम है और रियल एस्टेट बाजार अर्थव्यवस्था पर बोझ बना हुआ है। वर्ष की पहली 3 तिमाहियों में चीन की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रही। तिमाही आधार पर सितंबर में समाप्त तिमाही में अर्थव्यवस्था 0.9 प्रतिशत बढ़ी, जबकि पिछली तिमाही में 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
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चीन का कारखाना उत्पादन पहली तीन तिमाहियों में 5.8 प्रतिशत बढ़ा, जबकि खुदरा बिक्री पिछले साल इसी समय की तुलना में 3.3 प्रतिशत बढ़ी। हालांकि, संपत्ति निवेश में 10.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है और नए मकानों की सेल्स का मूल्य 22.7 प्रतिशत घटा, जो रेसिडेंशियल सेक्टर में कमजोर रुख को दर्शाता है।
इस सप्ताह की शुरुआत में चीन ने बताया था कि सितंबर में उसके एक्सपोर्ट में काफी कमी आई है, जो पिछले साल की तुलना में केवल 2.4 प्रतिशत बढ़ा है। अगस्त में सालाना आधार पर इसमें 8.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इंपोर्ट भी कमजोर रहा और इसमें केवल 0.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो अनुमान से भी काफी कम है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)