हेल्थ इंश्योरेंस (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : पिछले कई दिनों से इंश्योरेंस सेक्टर को सरकार के फैसले का इंतजार है। आपको बता दें कि लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी रेट में कटौती की जा सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जल्द होने वाली जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी रेट को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत तक करने की योजना बनायी है। हालांकि इसपर इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्रॉफिट मिलता रहता है। जीएसटी रेट में कमी आने से सरकार के खजाने में से 36000 करोड़ रुपये घट सकते हैं।
जीएसटी काउंसिल ने जो मंत्रियो के समूह यानी जीओएम का गठन किया है, उसके ज्यादातर सदस्य जिन्होंने टैक्स रेट को रिव्यू किया है, वो लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को घटाने के पक्षकार हैं। हालांकि वे पूरी तरीके से हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को खत्म करने के पक्षदार नहीं है।
उनका ये मानना है कि इससे पूरी तरीके से जीएसटी खत्म किए जाने से कॉस्ट बढ़ जाएगा। इंश्योरेंस इंडस्ट्री 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत तक करने के पक्ष में है। हालांकि इसपर आखिरी फैसला जीएसटी काउंसिल के द्वारा ही लिया जाएगा।
इंश्योरेंस सेक्टर की रेगुलेटर आईआरडीएआई ने भी हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी कम करने को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी है। मंत्रियों के समूह यानी जीओएम आने वाले दिनों में अपनी मीटिंग में इसपर विचार करने वाली है। इसके बाद मंत्रियों की समूह यानी जीएसटी काउंसिल को अप्रैल या मई महीने में होने वाली बैठक में लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी रेट में कटौती के बारे में सोच रही है। जीएसटी काउंसिल ने इससे पहले 21 दिसंबर को अपनी बैठक में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी में छूट देने या इसे कम करने के फैसले को रेग्यूलेटर से आगे की जानकारी मिलने तक के लिए टाल दिया था।
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देश का विपक्ष लगातार लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी रेट में कटौती की डिमांड करता आया है। संसद की स्थाई समिति भी इसकी सिफारिश कर चुकी है। पिछले 3 सालों में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी लगाकर 21,256 करोड़ रुपये और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 3274 करोड़ रुपये जीएसटी वसूली की गई है। जीएसटी के लागू होने के बाद से ही हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लग रहा है।