निर्मला सीतारमण, (केंद्रीय वित्त मंत्री)
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट को अंतिम रूप दिया। उम्मीद है कि इसमें मध्यम वर्ग की टैक्स कटौती की उम्मीद और ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए अर्थव्यवस्था की जरूरतों के बीच संतुलन स्थापित किया जाएगा। सीतारमण एक फरवरी को रिकॉर्ड आठवां लगातार बजट पेश करेंगी। बजट के राजकोषीय रूप से विवेकपूर्ण होने के साथ-साथ इसमें कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि को सहारा देने तथा उच्च कीमतों और स्थिर वेतनवृद्धि से जूझ रहे मध्यम वर्ग पर बोझ कम करने के उपाय शामिल होने की उम्मीद है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में केंद्रीय बजट 2025-26 को अंतिम रूप देते हुए बजट निर्माण प्रक्रिया में शामिल सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की। बैठक में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने भी हिस्सा लिया।
बता दें कि यह बजट ऐसे समय में आएगा जब चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर चार साल के निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर आने का अनुमान है। वित्त मंत्री द्वारा दोनों सदनों में पेश आर्थिक समीक्षा 2024-25 में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3-6.8 प्रतिशत रहेगी, जो विकसित राष्ट्र बनने के लिए आवश्यक वृद्धि दर से काफी कम है। आर्थिक समीक्षा में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए भूमि और श्रम जैसे क्षेत्रों में विनियमन और सुधारों की आवश्यकता बताई गई है।
Union Minister for Finance and Corporate Affairs Smt. @nsitharaman interacts with the Secretaries and the senior officials involved in the Budget making process @FinMinIndia while giving final touches to the Union Budget 2025-26 at her office in North Block, in New Delhi, today.… pic.twitter.com/lXjk64WGsO
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 31, 2025
इसने संकेत दिया कि भारत की विश्वस्तरीय वृद्धि धीमी पड़ रही है तथा 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जरूरी आठ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने के लिए अभी और काम करने की आवश्यकता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार, 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट संसद में पेश करेंगी। उससे पहले आज शुक्रवार को उन्होंने पार्लियामेंट के जॉइंट सेशन में देश का आर्थिक सर्वे पेश किया। इकनॉमिक सर्वे एक फाइनेंशियल डॉक्युमेंट होता है, जिसमें पिछले एक वित्त वर्ष के दौरान देश के आर्थिक विकास की समीक्षा की जाती है। इसे इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, रोजगार, महंगाई और एक्सपोर्ट जैसे आंकड़ों के आधार पर तैयार किया जाता है। डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स का इकनॉमिक्स डिवीजन चीफ इकनॉमिक एडवाइजर के मार्गदर्शन में इसे तैयार किया जाता है और बजट से पहले इसका संसद में इसे पेश किया जाता है।
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आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25, जो शुक्रवार को संसद में पेश किया गया, उसमें बताया गया है कि भारत की जनसांख्यिकीय बढ़त और विविध आर्थिक परिदृश्य देश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लाभों का उपयोग करने के लिए एक अनोखी स्थिति में रखते हैं। यह जानकारी इकॉनमिक सर्वे 2025 में दी गई है।