आंध्र प्रदेश बजट (सौ. एक्स )
अमरावती : आंध्र प्रदेश की गठबंधन वाली सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए शुक्रवार को कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित बजट पेश किया है। इस बजट में किसानों को सालाना 20,000 रुपये देने, मछुआरों को फाइनेंशियल रिलीफ को दोगुना करने और 12वीं क्लास तक के बच्चों को 15,000 रुपये देने का प्रपोजल शामिल हैं।
आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री पय्यावुला केशव ने राज्य के विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल 3.22 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें अनुसूचित जाति यानी एससी वर्ग के लिए 20,281 करोड़ रुपये, अनुसूचित जनजाति यानी एसटी वर्ग के लिए 8,159 करोड़ रुपये, पिछड़ा वर्ग यानी बीसी के लिए 47,456 करोड़ रुपये और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए 5,434 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं।
केशव ने कहा है कि मुझे ये ऐलान करते हुए गर्व हो रहा है कि सरकार एजुकेशन सेशन 2025-26 में 15,000 रुपये की फाइनेंशियल हेल्प देने के लिए ‘तल्लिकी वंदनम’ नाम की योजना शुरू कर रही है। इस योजना के अंतर्गत सरकारी और प्राइवेट, दोनों स्कूलों में क्लास 1 से 12वीं तक के बच्चे आएंगे।
उन्होंने कहा है कि चाहे हम किसी भी फाइनेंशियल कंडीशन में हों, हमारे किसानों को ‘अन्नदाता सुखीभव योजना’ के अंतर्गत सालाना 20,000 रुपये मिलेंगे। तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी की अगुवाई वाले गठबंधन ने वित्त वर्ष 2024 के विधानसभा चुनावों से पहले घोषित ‘सुपर सिक्स’ योजनाओं के अंतर्गत 19 से 59 वर्ष की महिलाओं को 1,500 रुपये मंथली हेल्प, युवाओं के लिए 20 लाख नौकरियां या 3,000 रुपये मासिक बेरोजगारी सहायता देने और महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा देने का वादा किया था।
सुपर सिक्स के अंतर्गत हर स्कूल जाने वाले बच्चे को हर साल 15,000 रुपये यानी तल्लिकी वंदनम, हर घर को 3 मुफ्त गैस सिलेंडर यानी दीपम-2 और हर किसान को 20,000 रुपये सालाना फाइनेंशियल हेल्प यानी अन्नदाता सुखीभव देने की भी बात कही गई थी।
केशव ने मछली पकड़ने पर बैन की अवधि के दौरान मछुआरों के लिए फाइनेंशियल हेल्प को दोगुना करके 20,000 रुपये करने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगले वित्त वर्ष में हर परिवार को 25 लाख रुपये का इंश्योरेंस बेस्ड हेल्थ कवरेज लागू करने की योजना बना रही है। इस बजट में 2.51 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित रेवेन्यू एक्सपेंस और 40,635 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय शामिल है।
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि अनुमानित रेवेन्यू लॉस लगभग 33,185 करोड़ रुपये और राजकोषीय घाटा लगभग 79,926 करोड़ रुपये है। बजट में स्कूल एजुकेशन के लिए 31,805 करोड़ रुपये और हेल्थ, मेडिकल एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 19,264 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के पास मौजूद पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग को 18,847 करोड़ रुपये मिले हैं। वहीं नगर प्रशासन और शहरी विकास विभाग को 13,862 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके साथ ही दीपम-2 योजना के लिए 2,601 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। इस योजना के अंतर्गत 90 लाख से ज्यादा पात्र लाभार्थियों को हर साल 3 मुफ्त गैस सिलेंडर दिए जाते हैं।
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वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि सरकार पिछली सरकार द्वारा किए गए “वित्तीय विनाश” के बैकग्राउंड में यह बजट पेश कर रही है। उन्होंने कहा है कि यह एक बहुत ही कठिन काम रहा है, क्योंकि पिछली सरकार ने हर विभाग में वित्तीय अराजकता पैदा की थी। बाद में, कृषि मंत्री के अच्चेन नायडू ने 48,341 करोड़ रुपये का एग्रीकल्चर बजट पेश किया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)