अदाणी पोर्ट्स (सौजन्य : सोौशल मीडिया)
नई दिल्ली : भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट डायरेक्टर अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड एशिया पैसिफिक में अपनी उपस्थिति को मजबूती देने के लिए एक ग्रुप से ऑस्ट्रेलिया में कोल एक्सपोर्ट टर्मिनल का एक्वीजेशन कर सकती है। ये कॉन्ट्रेक्ट बिना कैश के 2.4 अरब डॉलर का है।
कंपनी ने गुरूवार को बयान में कहा है कि अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लि. यानी एपीएसईजेड के निदेशक मंडल ने ‘कार्माइकल रेल एंड पोर्ट सिंगापुर होल्डिंग्स पीटीई लि. यानी सीआरपीएसएचपीएल से एबॉट पॉइंट पोर्ट होल्डिंग्स पीटीई लिमिटेड यानी एपीपीएच, सिंगापुर के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी। सीआरपीएसएचपीएल संबंधित पक्ष है।
एबॉट पॉइंट पोर्ट होल्डिंग्स के पास उन यूनिट्स का स्वामित्व है जिनके पास नॉर्थ क्वींसलैंड एक्सपोर्ट टर्मिनल है। यह 5 करोड़ टन सालाना एक्सपोर्ट क्षमता वाला टर्मिनल है। टर्मिनल ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर नॉर्थ क्वींसलैंड में बोवेन से लगभग 25 किमी उत्तर में एबॉट पॉइंट के पोर्ट पर स्थित है।
एपीएसईजेड ने मूल रूप से, 2011 में, 2 अरब डॉलर में एबॉट पॉइंट पर नॉर्थ क्वींसलैंड एक्सपोर्ट टर्मिनल का अधिग्रहण किया था। 2 साल बाद, 2013 में, अदाणी परिवार ने एपीएसईजेड से उसी राशि में इंवेस्ट की गई कैपिटल के साथ असेट्स खरीदी। इससे कंपनी को अपने घरेलू परिचालन के विस्तार पर ध्यान देने में मदद मिली। अब, एक मजबूत लेजर अकाउंट और भारत में एक प्रमुख स्थिति के साथ, एपीएसईजेड अपनी ग्लोबल डेव्हलप्मेंट स्ट्रेटेजी के अंतर्गत टर्मिनल को फिर से हासिल कर रही है।
बयान के अनुसार, यह ट्रांसेक्शन गैर-नकद आधार पर पूरा किया जाएगा। एपीएसईजेड एपीपीएच में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के बदले में सीआरपीएसएचपीएल को 14.38 करोड़ नए इक्विटी शेयर जारी करेगी। यह 3.975 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर यानी लगभग 2.4 अरब डॉलर के नॉर्थ क्वींसलैंड एक्सपोर्ट टर्मिनल यानी एनक्यूएक्सटी के उद्यम मूल्य पर आधारित है।
अधिग्रहण का वैल्यूएशन साल 2013 में किए गए ट्रांसफर के लगभग समान लेवल पर किया गया है। देनदारियों का विवरण दिये बिना बयान में कहा गया है कि लेन-देन के हिस्से के रूप में, एपीएसईजेड, एपीपीएच के बही-खाते पर अन्य गैर-मुख्य परिसंपत्तियों और देनदारियों को भी लेगा। कॉन्ट्रेक्ट के बाद एपीएसईजेड का इंवेस्टमेंट समान लेवल पर बना रहेगा।
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कंपनी ने कहा कि इस अधिग्रहण से एपीएसईजेड को वित्त वर्ष 2029-30 तक अपनी कैपिसिटी को दोगुना कर एक अरब टन सालाना करने के टारगेट को तेजी से हासिल करने में मदद मिलेगी। पिछले 2 सालों में भारत की सबसे बड़ी पोर्ट कंपनी के लिए यह चौथा विदेशी अधिग्रहण है। इसके साथ, कंपनी के पास 19 पोर्ट्स और टर्मिनल होंगे। इसमें 15 डोमेस्टिक और चार विदेशी होंगे। इजराइल में एक पोर्ट, तंजानिया और श्रीलंका में टर्मिनल अन्य 3 अंतरराष्ट्रीय स्थान हैं जहां एपीएसईजेड संचालन करती है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)