आठवां वेतन आयोग, (कॉन्सेप्ट फोटो)
8th Pay Commission Latest Update: नवंबर 2025 की शुरुआत में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग का गठन कर दिया और इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को भी मंजूरी दे दी। इसके बाद अब देशभर के करोड़ों कर्मचारी और पेंशनधारक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि आयोग कब रिपोर्ट देगा और सरकार इसे कब लागू करेगी। बड़ा सवाल यह है कि क्या आयोग 18 महीने की तय समय सीमा में रिपोर्ट सौंप पाएगा या फिर उसे भी एक्सटेंशन चाहिए होगा?
इससे पहले भी कई वेतन आयोगों ने समय बढ़ाने की मांग की है। इसी वजह से कर्मचारी यह भी जानना चाहते हैं कि अगर रिपोर्ट देर से आई तो क्या सरकार उन्हें अंतरिम राहत दे सकती है, जैसा कि 5वें वेतन आयोग के दौरान हुआ था।
विशेषज्ञों का मानना है कि आम तौर पर किसी वेतन आयोग को लागू होने में 1 से 2 साल का समय लगता है। उदाहरण के लिए 7वां वेतन आयोग 2014 में बना था और लगभग 29 महीनों में लागू हुआ। 6ठें आयोग को भी 22 महीने लगे। इसी पैटर्न को देखते हुए विशेषज्ञ कह रहे हैं कि 8वां वेतन आयोग भी लगभग दो साल में अमल में आ सकता है।
आयोग के पास 18 महीने का समय है, लेकिन रिपोर्ट के बाद इसे मंत्री समूह, कैबिनेट और अन्य विभागों से मंजूरी लेनी होती है, जिसमें 4 से 6 महीने और लग जाते हैं। कर्मचारी संगठनों के कई प्रतिनिधियों का कहना है कि अगर आयोग एक्सटेंशन मांगता है, तो कुल समय लगभग दो साल तक जा सकता है।
सबकी नजर इस बात पर भी है कि क्या केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग को 2027 के यूपी चुनाव से पहले लागू करेगी? कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इतने बड़े राज्य में चुनाव से पहले वेतन बढ़ोतरी देना सरकार के लिए राजनीतिक तौर पर फायदेमंद हो सकता है। लेकिन कर्मचारी संगठनों के कुछ अधिकारी कह रहे हैं कि फरवरी 2027 के यूपी चुनाव से पहले इसे लागू करना लगभग असंभव है। ऐसे में सरकार अंतरिम राहत देने का रास्ता चुन सकती है। जैसे मूल वेतन पर कुछ प्रतिशत अंतरिम बढ़ोतरी। 5वें वेतन आयोग के दौरान ऐसी राहत तीन बार मिली थी।
अगर प्रक्रिया में देरी हुई तो क्या सरकार इसे राजस्थान चुनाव 2027 या 2029 लोकसभा तक खींच सकती है? विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी लंबी देरी की संभावना कम है। चूंकि ToR नवंबर 2025 में मंजूर हुए, इसलिए पूरी प्रक्रिया दो साल में पूरी होने की उम्मीद है, यानी देर से देर 2027 के अंत तक लागू होने की संभावना बनती है। वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने से पहले कई जरूरी कदम उठाने पड़ते हैं।
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जैसे कि डेटा इकट्ठा करना, वित्तीय असर का अनुमान, सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति की समीक्षा, इंटर-मिनिस्ट्री कंसल्टेशन और कैबिनेट की अंतिम मंजूरी। फिलहाल सभी प्रारंभिक प्रक्रियाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं, इसलिए उम्मीद है कि कर्मचारी और पेंशनरों को जल्द ही कोई ठोस अपडेट मिल सकता है।