ईपीएफओ, (प्रतीकात्मक तस्वीर
EPFO New Withdrawal Rules: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि (PF) खाते से निकासी (PF withdrawals) से जुड़े नियमों को लेकर चल रही उलझन और भ्रम को दूर कर दिया है। बुधवार को जारी इस स्पष्टीकरण से उन कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है, जो नौकरी छोड़कर अपना व्यवसाय या कारोबार शुरू करने की योजना बना रहे थे।
ईपीएफओ ने अब स्पष्ट किया है कि नौकरी छोड़ने के तुरंत बाद कोई भी कर्मचारी अपने पीएफ खाते से 75 प्रतिशत राशि निकाल सकता है। शेष पूरी राशि कर्मचारी के एक वर्ष तक बेरोजगार रहने के बाद निकाली जा सकती है। इससे पहले ईपीएफओ न्यासी बोर्ड की बैठक के बाद ऐसी खबरें आई थीं कि पूरी राशि निकालने की अनुमति नौकरी छोड़ने के 12 महीने बाद ही होगी। ईपीएफओ ने इन खबरों को भ्रामक बताया था।
पुराने नियमों के तहत, यदि कोई ईपीएफओ सदस्य किसी भी कारण से दो महीने तक बेरोजगार रहता था, तो वह अपने पीएफ और पेंशन (EPS) खाते से पूरी रकम निकाल सकता था। हालांकि, अब पेंशन खाते (ईपीएस) से निकासी की अवधि को बढ़ाकर 36 महीने कर दिया गया है, जबकि पहले यह दो महीने थी।
ईपीएफओ ने नियमों में बदलाव क्यों किया, इसका कारण बताते हुए संगठन ने स्पष्ट किया कि ये परिवर्तन कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किए गए हैं। पुराने नियम के तहत, यदि कोई कर्मचारी नौकरी छूटने के दो महीने बाद संपूर्ण राशि निकाल लेता था, तो उसकी सेवा अवधि टूट (ब्रेक) जाती थी। पेंशन का पात्र बनने के लिए 10 वर्ष की निरंतर सेवा अनिवार्य है। बार-बार पैसा निकालने से यह अनिवार्य सेवा अवधि पूरी नहीं हो पाती थी, और कर्मचारी पेंशन के लाभ से वंचित रह जाता था।
इस संबंध में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने भी ‘एक्स’ (X) पर लिखकर कहा था कि ईपीएफओ के नियमों में किए गए सुधारों से कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
EPF Withdrawal अब और सरल व तेज़! 13 अलग-अलग श्रेणियों और उनसे जुड़ी अनगिनत शर्तों को पूरी तरह सरल बनाकर एक समान प्रावधान तैयार किया गया है, जिससे अब बिना किसी दस्तावेज़ी प्रक्रिया के आसानी से withdrawal किया जा सकेगा। Withdrawal Limits को सरल बनाया गया है – चाहे वह राशि हो या… — Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) October 15, 2025
नए नियमों से कर्मचारियों को यह फायदा होगा कि वे अपने पीएफ और पेंशन कोष से जल्दी रकम निकालने की प्रवृत्ति को रोकेंगे। निकासी की अवधि बढ़ाने से कम लोग अपना पीएफ खाता पूरी तरह बंद करेंगे, जिससे वे एक ही यूएएन खाते (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) के तहत जुड़े रहेंगे। यदि बेरोजगार सदस्य को दो माह के भीतर फिर से रोजगार मिल जाता है, तो वह ईपीएफओ की योजनाओं से बिना किसी रुकावट के जुड़ा रहेगा। इससे उसकी सेवा अवधि की गणना जारी रहेगी और वह पेंशन पाने का पात्र बना रहेगा।
ईपीएफओ ने यह भी बताया कि नए नियमों के तहत शिक्षा या बेरोजगारी के लिए भी निकासी की सीमा को लचीला बनाया गया है। विशेष परिस्थिति में, कर्मचारी बिना किसी सवाल या जवाब के साल में दो बार निकासी के लिए पात्र पूरी राशि को निकाल सकता है।
पीएफ कोष में 25% राशि सेवा निवृत्ति फंड के रूप में सुरक्षित रहेगी। सदस्य अपने पात्र शेष का 100% कभी भी निकाल सकता है, बशर्ते उसने 12 महीने की सेवा पूरी की हो।
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इसके अलावा, कर्मचारी अब शादी और घर आदि के लिए एक-एक साल के अंतराल पर भविष्य निधि से पैसे निकाल सकेंगे, जबकि पहले यह सीमा 5-7 वर्ष की थी। विशेष परिस्थितियों में रकम बिना किसी कागजात के आसानी से निकाली जा सकती है।