कन्हैया कुमार तेजस्वी के सियासी भविष्य के लिए खतरा! नीतीश के खिलाफ कांग्रेस की यात्रा से RJD क्यों परेशान?
पटना: बिहार में इस साल चुनाव होना है। इससे पहले राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। सभी दल चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। क्षेत्रीय दलों के सहारे अटकी कांग्रेस भी इस बार ब्हार में एक्टिव नजर आ रही है। पिछले पांच साल में अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों ने बिहार में बेरोजगारी के मुद्दे को जिंदा रखने की जोरदार कोशिश की। बिहार सरकार के हालिया बजट में भी युवाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया और सरकार ने बिहार के युवाओं के लिए 12 लाख सरकारी नौकरियां देने तथा 34 लाख से ज्यादा स्वरोजगार के मौके बनाने का वादा किया था।
वहीं इस मुद्दे को विपक्ष भी जोर-शोर से उठा रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार इस मुद्दे को उठा रहे थे। इस बीच अब कांग्रेस ने नौकरी दो और पलायन रोको यात्रा निकाली, जिसके बाद से बिहार की सियासत गरमा गई है।
बिहार के राजनीतिक हलकों में ये सभी को पता है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बिहार की सियासत में कन्हैया कुमार की एंट्री के समर्थन में नहीं थे, जैसा कि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी देखा गया था, जब कन्हैया कुमार ने सीपीआई के टिकट पर बेगूसराय सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था।
कन्हैया कुमार तथा तेजस्वी यादव की राजनीतिक शैली एक दूसरे से बिल्कुल उलट है क्योंकि कन्हैया कुमार जो जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ (JNSU) के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं, वो एक शानदार वक्ता हैं। जाहिर तौर पर लालू प्रसाद ने सियासत में कन्हैया की एंट्री को तेजस्वी यादव के लिए राजनीतिक खतरे के तौर पर देखा। हालांकि अब कन्हैया उनके सहयोगी दल कांग्रेस से हैं। फिर भी सियासी गलियारों में RJD के बेचैनी की चर्चा है।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास का घेराव करने जा रहे कांग्रेस पार्टी के युवा नेता कन्हैया कुमार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने कन्हैया कुमार के साथ-साथ यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभान और बिहार राज्य के अध्यक्ष गरीबदास को भी गिरफ्तार किया है। इस दौरान 30 से ज्यादा कांग्रेसी नेता पुलिस हिरासत में लिए गए।