छठ पूजा 2025 (फोटो-सोर्स,सोशल मीडियाा)
Chhath Puja 2025 Bihar: 25 अक्टूबर से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। वहीं इस मौके पर बिहार से लेकर हर जगह इसकी रौनक छाई हुई है। वहीं इस पर्व के दूसरे दिन यानी खरना पर बिहार के दुल्हिनबाजार प्रखंड में स्थित उलार सूर्य मंदिर में इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। देश के 12 प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों में शामिल इस ऐतिहासिक मंदिर में भक्त सूर्य भगवान की आराधना के लिए पहुंच रहे हैं।
दरअसल, उलार सूर्य मंदिर दुल्हिनबाजार मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दक्षिण में राज्य की मुख्य सड़क के किनारे स्थित है। मंदिर प्रशासन ने छठ के अवसर पर पूरी तैयारी कर रखी है। मेडिकल कैंप, सुरक्षा बलों की तैनाती और जल निकासी की व्यवस्थित व्यवस्था की गई है, ताकि भक्त बिना किसी परेशानी के पूजा-अर्चना कर सकें।
भक्त यहां कुंड में स्नान करते हैं और संध्याकाल में सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के लिए घाटों पर इकट्ठा होते हैं। मंदिर के महंत अवध बिहार दास ने बताया कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब को ऋषि-मुनियों के श्राप के कारण कुष्ठ रोग हो गया था। उन्होंने देवताओं से उपाय पूछा, तब उन्हें सूर्य उपासना का मार्गदर्शन मिला। साम्ब ने उलार सरोवर में सवा महीने तक तपस्या और स्नान किया, जिससे भगवान सूर्य प्रसन्न हुए और उन्हें रोग मुक्ति प्रदान की।
भक्तों का कहना है कि इस मंदिर में संतान सुख, रोग मुक्ति और मनोकामना पूर्ण होती है। एक भक्त ने बताया कि उन्हें संतान सुख इसी मंदिर से प्राप्त हुआ और वे दोबारा छठ पर्व मनाने के लिए आए हैं।
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उलार सूर्य मंदिर न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक विरासत और लोक परंपरा का प्रतीक भी है। यहां की मिट्टी और पानी में औषधीय गुण माने जाते हैं, जिससे त्वचा संबंधी रोगों से राहत मिलती है। यही कारण है कि दूर-दूर से लोग इस मंदिर में स्नान और पूजा के लिए आते हैं। आपको बता दें, छठ महापर्व के समय उलार सूर्य मंदिर में भक्तों की आस्था, इतिहास और सांस्कृतिक महत्व एक साथ देखने को मिलता है। यह मंदिर केवल पूजा का केंद्र नहीं बल्कि बिहार की परंपरा और लोक विश्वास का जीवंत उदाहरण है।