तेजस्वी यादव, फोटो- सोशल मीडिया
Tejaswi Yadav accuses Deputy CM Vijay Kumar: तेजस्वी यादव का कहना है कि विजय कुमार सिन्हा के पास दो अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड हैं, जिनमें दर्ज उम्र भी मेल नहीं खाती। तेजस्वी का कहना है कि इनमें से एक कार्ड पटना जिले का है और दूसरा लखीसराय का।
रविवार को मीडिया से बातचीत में तेजस्वी यादव ने मीडिया के सामने दोनों ईपिक (EPIC) कार्ड का ब्योरा रखा और लाइव ऑनलाइन चेक करके भी दिखाया। उन्होंने कहा कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की ड्राफ्ट मतदाता सूची में डिप्टी सीएम का नाम दो जगह मौजूद है। पटना जिले के बूथ संख्या 405, क्रम संख्या 757 पर उनका नाम दर्ज है, जिसका ईपिक नंबर AFS0853341 है। वहीं, लखीसराय जिले के बूथ संख्या 231, क्रम संख्या 274 पर भी उनका नाम शामिल है, जिसके लिए ईपिक नंबर IAF3939337 जारी किया गया है।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि यह स्थिति दर्शाती है कि SIR प्रक्रिया में गंभीर खामियां और पारदर्शिता की कमी है। उन्होंने कहा, “जब मेरे मामले में सवाल उठे, तो मीडिया ट्रायल किया गया और चुनाव आयोग ने मुझे नोटिस भेजा। मैंने जवाब भी दे दिया, फिर भी दोबारा नोटिस आया। अब जब डिप्टी सीएम का नाम दो जगहों पर है, क्या उन्हें भी नोटिस मिलेगा? बल्कि उन्हें तो दो जगह से नोटिस मिलना चाहिए एक पटना और दूसरा लखीसराय से।”
इस आरोप के साथ ही बिहार की मतदाता सूची की शुद्धता पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। राज्य में पहले से ही ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों को लेकर चर्चा चल रही थी। तेजस्वी यादव खुद भी इस तरह के आरोपों का सामना कर चुके हैं, जब उन पर दो ईपिक कार्ड रखने का मामला सामने आया था। उस समय उन्होंने अपनी ओर से जवाब देते हुए आरोपों को बेबुनियाद बताया था।
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद केवल व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप का मामला नहीं है, बल्कि यह राज्य की चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा करता है। यदि उच्च पदों पर बैठे जनप्रतिनिधियों के नाम दो जगहों पर पाए जाते हैं, तो आम मतदाता सूची की स्थिति पर भरोसा कैसे किया जा सकता है? अब यह देखना होगा कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या कदम उठाता है।