नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव, फोटो - सोशल मीडिया
पटना : बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। प्री-पोल सर्वे और ओपिनियन पोल के आंकड़े भी सामने आने लगे हैं। हाल ही में जारी InkInsight ओपिनियन पोल के मुताबिक, बिहार के युवा भले ही वोट देने के मामले में NDA के पक्ष में हैं, लेकिन जब बात मुख्यमंत्री पद की आती है, तो उनकी पहली पसंद तेजस्वी यादव बनते हैं।
18 से 29 वर्ष के आयु वर्ग के करीब 44.6% युवाओं ने कहा कि वे NDA को वोट देना पसंद करेंगे, जबकि 39.5% ने महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, अन्य) को चुनने की बात कही। वहीं, जन सुराज पार्टी को सिर्फ 0.76% युवा मतदाताओं ने वोट देने की इच्छा जताई।
हालांकि, जब सवाल यह पूछा गया कि वे बिहार का अगला मुख्यमंत्री किसे देखना चाहते हैं, तो नतीजे चौंकाने वाले रहे। 42% युवाओं ने तेजस्वी यादव को अपनी पहली पसंद बताया। इसके मुकाबले सिर्फ 27.7% युवाओं ने नीतीश कुमार को समर्थन दिया। चिराग पासवान को 7%, प्रशांत किशोर को 2%, और बीजेपी के सम्राट चौधरी को 1.61% युवाओं ने चुना। दिलचस्प बात ये रही कि 13.39% युवाओं ने बीजेपी से किसी नए चेहरे को मुख्यमंत्री के रूप में देखने की इच्छा जताई।
यह आंकड़े बताते हैं कि बिहार की युवा पीढ़ी नेतृत्व परिवर्तन चाहती है, जबकि मध्यम और बुजुर्ग वर्ग अब भी नीतीश कुमार पर भरोसा दिखा रहे हैं। इससे राज्य में पीढ़ीगत राजनीतिक विभाजन साफ नजर आता है।
जनवरी 2025 में जारी फाइनल वोटर लिस्ट के अनुसार, बिहार में कुल मतदाता संख्या 7.80 करोड़ है। इसमें से 18-19 वर्ष के 8 लाख, 20-29 वर्ष के 1.55 करोड़, और 30-39 वर्ष के 2.04 करोड़ मतदाता शामिल हैं। यानी लगभग आधी आबादी युवा है।
आपतको जानकारी के लिए बता दें कि पिछले चुनावों में युवाओं की भागीदारी बेहद अहम रही है। 2020 के चुनाव में 58.7% मतदान हुआ था, जो 2015 के मुकाबले अधिक था। 18-25 साल के वोटर राज्य की कुल जनसंख्या का 16% थे। युवाओं ने रोजगार, शिक्षा और विकास जैसे मुद्दों पर वोट डाला। उस चुनाव में तेजस्वी यादव को भारी समर्थन मिला था, भले ही NDA को बहुमत मिला हो, लेकिन RJD सबसे बड़ी पार्टी बनी थी।