सीमा कुशवाहा (सोर्स- सोशल मीडिया)
Sima Kushwaha Social Post: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन की करारी हार का सामना करना पड़ा था। अब इसे लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव की करीबी महिला नेता सीमा कुशवाहा ने अपना दर्द सोशल मीडिया पर साझा किया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल के माध्यम से चार तीखे और भावनात्मक पोस्ट कर अपनी पीड़ा जाहिर की।
सीमा के बिहार के सासाराम से चुनाव लड़ने की आशंका थी। हालांकि पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और स्टार प्रचारक तौर पर आगे बढ़ाया। चुनाव में पार्टी का बुरी तरह हार के बाद वो भी आलोचकों के निशाने पर रही। सीमा कुशवाहा ने अपने पहले पोस्ट में लिखा, “जो भी बद्दुआ दे रहा है, बस कर दो, अब मैं बर्बाद हो चुकी हूं।”
इस बयान से चुनावी नतीजों को लेकर उनकी गहरी निराशा साफ दिखाई दी। दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा, जब रिश्वत रास्ता बन जाए, तो न्याय सिर्फ किताबों में रह जाए। इस टिप्पणी के जरिए उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से एनडीए सरकार पर कटाक्ष किया। दरअसल, विपक्ष की ओर से यह आरोप लगाए गए थे कि महिलाओं को 10 हजार रुपये देकर एनडीए ने वोट हासिल किए। सीमा के बयान से भी इस आरोप को समर्थन मिलता प्रतीत हुआ।
सैंडल पहन कर चला जा सकता है लेकिन जब जिंदगी में दौड़ लगानी होती है तो औरत को भी जूता ही पहनना पड़ता है।🏃♀️🏃♀️#simakushwaha #indian #Bihar #sasaram @kushwaha_sima pic.twitter.com/Cj4WypgUIs — Sima Kushwaha (@kushwaha_sima) November 23, 2025
इसी प्रकार तीसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा, “भगवान का लिखा सब कुछ सहना पड़ता है, क्योंकि परेशानियां बेची नहीं जातीं और सुकून कभी खरीदा नहीं जाता।” अपने इस पोस्ट के जरिए उन्होंने हार और निराशा के बीच जीवन की सच्चाई को स्वीकारने का संदेश दिया।
यह भी पढ़ें: आज ही था सौरभ का जन्मदिन…नीले ड्रम वाली मुस्कान ने दिया बेटी को जन्म, हुई नॉर्मल डिलीवरी
चौथे पोस्ट में सीमा कुशवाहा ने अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, सैंडल पहनकर चला जा सकता है, लेकिन जब जिंदगी में दौड़ लगानी होती है, तो औरत को भी जूता ही पहनना पड़ता है। इस पोस्ट में उन्होंने खुद को मजबूत और संघर्षशील महिला के रूप में प्रस्तुत किया।
जब रिश्वत रास्ता बन जाए,
तो न्याय सिर्फ़ किताबों में रह जाए। #Bihar #India #simakushwaha @kushwaha_sima — Sima Kushwaha (@kushwaha_sima) November 23, 2025
बताया जाता है कि चुनाव से पहले सीमा कुशवाहा को टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बावजूद वे आरजेडी के प्रचार में सक्रिय रहीं। चुनावी हार और उपेक्षा की कसक ने अब सोशल मीडिया पर उनकी भावनाओं को उभार दिया है।