प्रशांत किशोर (फोटो- पीके टीम)
Bihar News: बिहार चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल समीकरण बनाने में जुटे हुए हैं। इस बीच जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने जीत का दो धारी फॉर्मूला बताया है। शनिवार को पटना के हज भवन में मुस्लिम समुदाय के लोगों से प्रशांत किशोर ने जन संवाद किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा को हराने का फार्मूला बताते हुए कहा कि ” भाजपा को हराना बिल्कुल मुश्किल नहीं है। 60 प्रतिशत हिंदू अभी भाजपा के साथ नहीं हैं।”
पीके ने कहा कि हिंदुओं की आधी आबादी भाजपा के साथ नहीं है। जो लोग बाबा साहेब, गांधी जी, राम मनोहर लोहिया, समाजवाद और कम्युनिष्ट विचारधारा को फॉलो करते हैं। वो और मुस्लिम समुदाय के लोग एक साथ आ जाएं तो भाजपा को परास्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो एमवाई का समीकरण 30 का है और जनसुराज का समीकरण 60 और भाजपा का 40 हो जाएगा।
पीके आगे कहा कि गांधी को, लोहिया को और समाजवादी विचारधारा और कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रेरित लोगों ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। भाजपाइयों ने आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने मुस्लिम बुद्धिजीवियों को पंश्चिम बंगाल का उदाहरण देते हुए कहा कि हम पूरे देश की राजनीतिक दिशा बदल देंगे। बिहार से देश की सियासत शुरू होगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुस्लिमों ने मेरी बात को समझा अब वहां यूसीसी-एनआरसी सब खत्म हो गया। इसके आगे किशोर ने कहा कि हम आपकी लड़ाई बिहार के बाद यूपी में लड़ेंगे। आपकी किसी भी समस्या को हम 2029 तक नहीं जाने देंगे उसे 2027 में ही खत्म कर देंगे।
प्रशांत ने अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि 2014 में मोदी को जिताया। इसके बाद बिहार में भाजपा को 55 सीट पर ही लपेट दिया। मुस्लिमों में जोश भरते हुए कहा कि जिस प्रकार से आप कहते हैं कि हमने भी देश की आजादी में खून-पसीना बहाया है। उसी प्रकार जब इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें बिहार बनाने वालों में मुस्लिम समुदाय का प्रमुखता से जिक्र हो। ये नहीं लिखा जाएगा कि मुस्लिमों साथ दिया तो जन सुराज को 40 सीटें मिलीं, बल्कि ये लिखा जाए कि बिहार को बदलने में आप लोगों ने सहयोग किया।
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जनसुराज पार्टी बिहार में पूरी ताकत चुनाव में झोंक रही है। राज्य में NDA और ‘INDIA’ गठबंधन की लड़ाई वाला चुनाव माना जा रहा है, लेकिन प्रशांत किशोर की मेहनत का नतीजा है कि जनसुराज को भी एक राजनीतिक फ्रंट के रूप में गिना जाने लगा। हालांकि अभी तक राजनीतिक पंडित असमंजस में हैं कि किशोर भाजपा को नुकसान पहुंचाएंगे या ‘INDIA’ गठबंधन को। अपनी जनसभाओं में प्रशांत किशोर दोनों गठबंधनों पर निशाना साधते हैं। पटना में उन्होंने निशाना तो भाजपा पर साधा, लेकिन तीर महागठबंधन को लगा। क्योंकि गांधी, अंबेडकर, लोहिया और कम्युनिस्ट विचारधारा के लोग तो ज्यादातर महागठबंधन के साथ हैं। ऐसे में इन्हीं वोटरों के भरोसे भाजपा को हराने की बात कर रहे हैं। समीकरण सीधा है प्रशांत किशोर के निशाने पर भाजपा है, लेकिन शिकार राजद और कांग्रेस हैं।